#Inflation: महंगाई पर लगाम, 10 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंची मुद्रास्फीति दर, सरकार ने जारी किया आंकड़ा

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले आम लोगों को महंगाई के मोर्चे पर राहत मिलती दिख रही है। आंकड़े बताते हैं कि देश की खुदरा महंगाई दर पिछले महीने घटकर दस महीने के निचले स्तर 4.85 प्रतिशत पर आ गई। फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 5.09 प्रतिशत थी।

12 अप्रैल को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने खुदरा मुद्रास्फीति की दर जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, खुदरा मुद्रास्फीति दर जून 2023 के बाद सबसे कम रही है। पिछले साल जून में यह 4.81 प्रतिशत थी।

NSO के आंकड़े बताते हैं कि भले ही महंगाई दर में कमी आई है मगर अभी भी खाने-पीने की चीजों में स्थिरता बनी हुई है। मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति 8.52% रही जो कि फरवरी के 8.66% दर से थोड़ा कम है। वहीं, आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण महंगाई दर 5.34% से बढ़कर 5.45% आ गई है जबकि शहरी महंगाई दर 4.78% से घटकर 4.14% पर आ गई है। मार्च में सब्जी, दाल, मसाले, अंडे जैसी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में दहाई अंक में बढ़ोतरी दर्ज की गई। सिर्फ खाद्य तेल व वनस्पति के खुदरा दाम में पिछले साल मार्च की तुलना में 11.72 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में सब्जी के दाम में पिछले साल मार्च के मुकाबले 28.34 प्रतिशत, अंडे में 10.33 प्रतिशत, दाल व दलहन में 17.71 प्रतिशत तो मसाले के भाव में 11.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। अनाज के दाम में यह बढ़ोतरी 8.37 प्रतिशत की रही।

महीने-दर-महीने आधार पर, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में कोई बदलाव नहीं हुआ, लेकिन खाद्य मूल्य सूचकांक लगभग 0.2% बढ़ गया। अर्थशास्त्रियों ने माना कि चल रही गर्मी आने वाले महीनों में खाद्य मुद्रास्फीति को बढ़ा सकती है।

भले ही कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही हैं और अमेरिका में मुद्रास्फीति बढ़ने से फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद में देरी हो सकती है, घरेलू खाद्य मुद्रास्फीति भारत के केंद्रीय बैंक की ओर से दरों में कटौती की संभावनाओं को और कमजोर कर सकती है।

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