भारत को ईरान से तेल खरीद की छूट रहेगी जारी
सिंगापुर। अमेरिका ने भारत, चीन समेत पांच देशों को ईरान से कच्चे तेल की खरीद की छूट जारी रखने का संकेत दिया है। हालांकि कई अन्य देशों की छूट खत्म कर दी जाएगी। हालांकि पहले आशंका थी कि अमेरिका इस रियायत को पूरी तरह खत्म कर देगा।
विश्लेषकों ने कहा है कि अमेरिका नहीं चाहता कि तेल के दामों में और उछाल आए, लिहाजा जिन आठ देशों को छूट दी गई थी, उनमें से भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और तुर्की के लिए यह रियायत मई के बाद भी जारी रहेगी। सिर्फ ताइवान, यूनान और इटली की रियायत खत्म होगी। अमेरिका के इस कदम से ईरान का तेल निर्यात और कम हो जाएगा,लेकिन यह शून्य के स्तर पर नहीं आएगा।
अमेरिका ने चार नवंबर को तेल प्रतिबंध लागू होने के बाद भारत, चीन, जापान, तुर्की, दक्षिण कोरिया समेत आठ देशों को ईरान से आंशिक रूप से तेल आयात की मंजूरी दी थी। इसी छूट और अमेरिका-चीन के व्यापार युद्ध जैसे कारणों से नवंबर-दिसंबर के बीच तेल की कीमतों में 40 फीसदी की कमी आई थी। हालांकि तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक ने दिसंबर में 12 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती का फैसला किया है, जिससे कीमतों में थोड़ा बहुत उछाल आया है।
विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन ईरान के दो बड़े तेल खरीदार चीन और भारत पर पाबंदी लगाकर एशियाई भूराजनीतिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव नहीं चाहता। वह नहीं चाहता कि तेल के दामों में बड़ा उछाल आए। पाबंदियों के बाद से ईरान का तेल निर्यात पांच साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। ईरान भारत को सस्ता तेल देता है और भुगतान के लिए ज्यादा वक्त देता है। वह रुपये में भी भुगतान स्वीकार करता है।
विश्लेषक आरबीसी कैपिटल मार्केट्स मार्क ट्रैन ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जनता के लिए तेल की कीमतें चाहते हैं। वह भारत और चीन जैसे देशों की कठिनाइयों को भी समझते हैं, लिहाजा वह ईरान के तेल निर्यात को शून्य स्तर पर नहीं लाना चाहते। हालांकि कुछ देशों को छूट खत्म होने से दबाव बढ़ेगा।
कच्चे तेल के दाम में शुक्रवार को एक फीसदी का उछाल आया और यह 61.80 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। इसे ओपेक देशों की कटौती का असर माना जा रहा है।