न्यूज़ डेस्क(Bns)। आंध्र प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलसमुद्रम में नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम, इनडायरेक्ट टैक्स एंड नारकोटिक्स(NACIN) के नए परिसर का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि NACIN का यह नया परिसर सुशासन के लिए नए आयाम बनाएगा और भारत में व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि यहां आने से पहले पवित्र लेपाक्षी में वीरभद्र मंदिर जाने का सौभाग्य मिला है, मंदिर में मुझे रंगनाथ रामायण सुनने का अवसर मिला, मैंने वहां भजन कीर्तन में भी हिस्सा लिया। मान्यता है कि यहीं पास में भगवान श्रीराम का जटायु से संवाद हुआ था।
प्राण प्रतिष्ठा पूजन के प्रथम दिन के समापन पर वैदिक विद्वान आचार्य श्री गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ का वक्तव्य:
अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि स्थान पर निर्मित हुए श्री राम मन्दिर में 22 जनवरी के प्रतिष्ठा महोत्सव के अन्तर्गत् 16 जनवरी को श्री अनिल मिश्रा ने सांगोपांग सर्व… pic.twitter.com/qQzk9qH1hD
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भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई और भ्रष्टाचारियों पर एक्शन सरकार की प्राथमिकता रही है। आप सभी को इन्हीं प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर काम करना है। pic.twitter.com/T5DJIz8Lk9
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उन्होंने कहा कि NACIN की भूमिका देश को एक आधुनिक इकोसिस्टम देने की है। एक ऐसा इकोसिस्टम जो देश में व्यापार को आसान बना सके, जो भारत को वैश्विक व्यापार का अहम पार्टनर बनाने के लिए मैत्रीपूर्ण माहौल बना सके, जो टैक्स, सीमा शुल्क, नशीले पदार्थ, जैसे विषयों के माध्यम से देश में व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा दें।
मोदी ने कहा कि आप जानते हैं, अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा से पूर्व मेरा 11 दिन का अनुष्ठान चल रहा है। ऐसी पुण्य अवधि में यहां ईश्वर से साक्षात आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हो गया। उन्होंने कहा कि आज कल पूरा देश राममय है, रामभक्ति में सराबोर है, लेकिन प्रभु श्रीराम का जीवन विस्तार, उनकी प्रेरणा, आस्था… भक्ति के दायरे से कहीं ज्यादा है। प्रभु राम शासन के, सामाजिक जीवन में सुशासन के ऐसे प्रतीक हैं, जो आपके संस्थान के लिए भी बहुत बड़ी प्रेरणा बन सकते हैं।
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा से पहले देश के गरीबों के कल्याण से जुड़ा यह समाचार अत्यंत शुभ है… pic.twitter.com/UEeLAAB2JE
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प्रधानमंत्री ने कहा कि राम राज्य सुशासन के इन्हीं 4 स्तंभों पर खड़ा था- जहां सम्मान से, बिना भय के हर कोई सिर ऊंचा कर चल सके, जहां हर नागरिक के साथ समान व्यवहार हो, जहां कमजोर की सुरक्षा हो और जहां धर्म यानि कर्तव्य सर्वोपरि हो। आज 21वीं सदी के आधुनिक संस्थान के 4 सबसे बड़े धेय यही तो हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि रामराज का विचार ही सच्चा लोकतंत्र है।
मोदी ने कहा कि अतीत में हमारे यहां प्रोजेक्ट्स को अटकाने, लटकाने और भटकाने की प्रवृत्ति रही है, जिस कारण से देश को बहुत नुकसान हुआ है। बीते 10 वर्षों में हमारी सरकार ने लागत का ध्यान रखा है और योजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में गरीब, किसान, महिला व युवा… इन सबको हमने सशक्त किया है। हमारी योजनाओं के केंद्र में वही लोग सर्वोपरि रहे हैं, जो वंचित थे, शोषित थे, समाज के अंतिम पायदान पर खड़े थे।
आज कल पूरा देश राममय है, रामभक्ति में सराबोर है, लेकिन प्रभु श्रीराम का जीवन विस्तार, उनकी प्रेरणा, आस्था… भक्ति के दायरे से कहीं ज्यादा है।
प्रभु राम Governance के, सामाजिक जीवन में सुशासन के ऐसे प्रतीक हैं, जो आपके संस्थान के लिए भी बहुत बड़ी प्रेरणा बन सकते हैं।
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मोदी ने कहा कि नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हमारी सरकार के पिछले 9 वर्षों के दौरान करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। जिस देश में दशकों तक गरीबी हटाओ के नारे दिए जाते रहे, उस देश में सिर्फ 9 वर्ष में 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर निकलना ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि हमने बीते 10 वर्षों में कर व्यवस्था में बहुत बड़े रिफॉर्म किए। पहले भांति-भांति की कर व्यवस्थाएं थी, पारदर्शिता के अभाव में ईमानदार करदाता, व्यपार से जुड़े लोगों को परेशान किया जाता था। हमने GST के रूप में देश को एक आधुनिक व्यवस्था दी।
रामराज्य जिन 4 स्तंभों पर खड़ा था, वे 21वीं सदी में भी सुशासन के मार्गदर्शक हैं। pic.twitter.com/0fn7Rf2r5f
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