नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच लगातार सीमा पर नापाक हरकतों से बाज नहीं आने वाले पाकिस्तान को भारत ने कड़ा संदेश दिया है। भारत ने गिलगिट बाल्टिस्तान इलाके में चुनाव कराने के पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बेहद सख्त आपत्ति जताते हुए पाकिस्तान सरकार को डेमार्श जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को साफ कर दिया है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र जिसमें गिलगित-बलूचिस्तान का हिस्सा भी आता है, वह भारत का आंतरिक भाग है।
दरअसल, पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने वहां की केंद्र सरकार को यह आदेश दिया है कि वह गिलगिट बाल्टिस्तान में आम चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकती है और नई सरकार के गठन तक वहां एक अस्थाई सरकार का गठन भी कर सकती है। इस क्षेत्र को पाकिस्तान के पूर्ण राज्य के तौर पर स्थापित करने की कोशिशों को इससे मदद मिलेगा। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में ही पाकिस्तान सरकार ने इस बारे में आदेश जारी किया था।
भारत पिछले 15,000 वर्षों से अस्तित्व में है। अफगानिस्तान, बलूचिस्तान, पाकिस्तान और हिन्दुस्तान सभी भारत के हिस्से थे। ‘अखंड भारत’ कहने का अर्थ यही है। 18 अगस्त 1919 को अफगानिस्तान को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। हालांकि इससे कहीं पहले अफगानिस्तान एक स्वतंत्र राष्ट्र बन चुका था। अनुच्छेद 4 का फायदा उठाकर पाकिस्तान ने कलात के खान को 15 अगस्त 1947 को एक फरेबी और फंसाने वाली आजादी देकर 4 महीने के भीतर यह समझौता तोड़कर 27 मार्च 1948 को उस पर औपचारिक कब्जा कर लिया। पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के बचे 3 प्रांतों को भी जबरन पाकिस्तान में मिला लिया था। 1948 से लेकर आज तक बलूच का विद्रोह जारी है। बलूच का मानना है कि वो पूर्व में एक स्वतंत्र राष्ट्र थे और सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से वो एक अलग पहचान रखते है। पाकिस्तान ने कलात के खान से बंदूक की नोंक पर विलय करवाया।