किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे से विधानसभा तीन बार स्थगित

किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे से विधानसभा तीन बार स्थगित

जयपुर। किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा की कार्रवाई तीन बार स्थगित कर दी गयी। सुबह से ही इस मुद्दे को लेकर जारी हंगामे और दो बार के स्थगन के बाद जब दोपहर बाद लगभग एक बजे फिर सदन की कार्रवाई शुरू हुई भाजपा के विधायकों ने हंगामा किया और अध्यक्ष के आसन के समक्ष पहुंच गए। इस बीच तय कार्यक्रम के अनुसार तीन विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी बात रखी लेकिन शोर शराबे के बीच उनको ठीक से सुना नहीं जा सका। जब हंगामा जारी रहा तो अध्यक्ष सीपी जोशी ने सदन की कार्रवाई तीसरी बार एक घंटे के लिए स्थगित कर दी। भाजपा के सदस्य मांग कर रहे थे कि सरकार किसानों की कर्जमाफी व इससे जुड़ी औपचारिकताओं पर स्थिति स्पष्ट करे।

इससे पहले भी सदन की कार्रवाई दो बार स्थगित की गयी। इसी मुद्दे को लेकर विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण सुबह पहले विधानसभा की कार्यवाही आधे घंटे के लिये और फिर पांच मिनट के लिए स्थगित रही। प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि सरकार ने इस प्रकार का लंगडा आदेश निकाल कर किसानों को भ्रमित किया है। सरकार स्पष्ट करे कि कर्जमाफी की घोषणा के एक महीना एक दिन के बाद कितना पैसा किसानों के खाते में पहुंचा। कटारिया ने कहा कि सदन के नेता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सदन को बतायें कि कितने किसानों को इसका फायदा पहुंचा और कितने किसानों के खाते में कितना पैसा जमा कराया गया। इस बीच भाजपा के उपनेता राजेन्द्र राठौड ने कहा कि सरकार बताये कि किसानों के खाते में कितना पैसा डाला गया यह जुमलाबाजी नहीं चलेगी।

प्रतिपक्ष की मांग का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार ने किसानों की ऋण माफी का निर्णय लिया है,लेकिन इसे लागू करने में समय लगता है। सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को ऋण माफी का फायदा मिले। उन्होंने सदन को बताया कि किसानों की ऋण माफी की पात्रता जांचने के लिये सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है और किसानों को वित्तीय समस्याओं से उबारने के लिये केन्द्र सरकार को एक पत्र लिखा गया है। किसानों का सम्पूर्ण कर्जा राज्य सरकार माफ नहीं सकती । सम्पूर्ण कर्जा माफी के लिये प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा गया हैं

उन्होंने सदन को बताया बिना मांग के हमने आगे बढकर राज्य के किसानों का दो लाख रूपये तक अल्पकालीन ऋण माफ किया है। हमारी विचारधारा और नीतियां स्पष्ट हैं। आदेश कभी भी लगंडा नहीं हो सकता यह विपक्ष की सोच है। गहलोत के जवाब के बाद प्रतिपक्ष के सदस्यों ने किसानों की ऋण माफी को लेकर सदन में हंगामा किया और आसन के समक्ष किसानों की कर्जा माफी धोखा है’ और किसानों का सम्पूर्ण कर्जा माफ करो’ के नारे लगाये।

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