धर्म डेस्क (Bns)। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन साल का 12वां यानी आखिरी महीना होता है। इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना भी माना जाता है। यह मास शादी-विवाह, मुंडन और ग्रह प्रवेश आदि कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। माघ मास की पूर्णिमा तिथि के समापन के साथ फाल्गुन मास शुरू हो जाता है। फाल्गुन और वसंत का मौसम जब साथ होते हैं तो ऐसे में धरती की तुलना सजी-धजी दुल्हन से की जाती है। फाल्गुन माह का धार्मिक, प्राकृतिक और वैज्ञानिक रूप से विशेष महत्व माना गया है। इस माह में आने वाले त्योहार होली, महाशिवरात्रि आदि बहुत खास माने जाते हैं। आइए जानते हैं कि फाल्गुन माह 2024 में कब शुरू होगा, इस महीने की क्या खासियत है और इस माह में कौन-कौन से व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं।
कब से शुरू हो रहा है फाल्गुन महीना 2024?
फाल्गुन महीना 25 फरवरी 2024 रविवार से शुरू हो रहा है, जिसका समापन 25 मार्च 2024 को होगा. इस महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा फाल्गुनी नक्षत्र में होते हैं जिस कारण इस महीने का नाम फाल्गुन कहा जाता है। मान्यता है कि इस महीने में दान करने से अक्षय पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
क्यों खास है फाल्गुन मास 2024?
धार्मिक मान्यता है कि फाल्गुन मास में ही चंद्रमा का जन्म हुआ था इसलिए इस महीने में चंद्रमा की विशेष पूजा-उपासना करने से मानसिक तनाव दूर होते हैं और इंद्रियों पर नियंत्रण पाने की शक्ति बढ़ती है। फाल्गुन के महीने में चंद्रमा की पूजा करके कुंडली में चंद्र दोष को दूर हो सकते हैं। फाल्गुन में प्रेम और उल्लास का पर्व होली भी मनाई जाती है। फाल्गुन महीने में भगवान श्रीकृष्ण के तीन स्वरूप की पूजा की जाती है। वे तीन स्वरूप हैं- बालरूप कृष्ण, युवारूप कृष्ण और गुरु कृष्ण। इन तीनों स्वरूप की उपासना करने से संतान सुख, दांप्तय जीवन में खुशहाली और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
फाल्गुन महीने में आने वाले तीज-त्योहार सकारात्मक ऊर्जा और खुशियों से भरे होते हैं. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां लक्ष्मी और मां सीता की पूजा का विधान है। वहीं, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव की उपासना महापर्व महाशिवरात्रि भी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि फाल्गुन माह में चंद्रमा का जन्म हुआ था इसलिए इस महीने में चंद्रमा की पूजा विशेष महत्व माना गया है।
फाल्गुन मास 2024 के व्रत और त्योहार
- 25 फरवरी (रविवार) – फाल्गुन माह शुरू
- 28 फरवरी (बुधवार) – द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
- 1 मार्च (शुक्रवार) – यशोदा जयंती
- 3 मार्च (रविवार)- शबरी जयंती, भानु सप्तमी
- 4 मार्च (सोमवार) – जानकी जयंती
- 6 मार्च (बुधवार) – विजया एकादशी
- 8 मार्च (शुक्रवार) – महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, पंचक शुरू
- 10 मार्च (रविवार) – फाल्गुन अमावस्या
- 12 मार्च (मंगलवार) -फुलेरा दूज, रामकृष्ण जयंती
- 13 मार्च (बुधवार) – विनायक चतुर्थी
- 14 मार्च (गुरुवार) – मीन संक्रांति
- 20 मार्च (बुधवार) – आमलकी एकादशी
- 22 मार्च (शुक्रवार) – प्रदोष व्रत
- 24 मार्च (रविवार) – होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत
- 25 मार्च (सोमवार)- होली, चैतन्य महाप्रभू जयंती, चंद्र ग्रहण
फाल्गुन माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
फाल्गुन माह में जहां तक संभव हो सकते शीतल या सामान्य पानी से स्नान करना चाहिए। इस महीने अनाज का प्रयोग कम करें और अधिक-से-अधिक फलों का सेवन करना चाहिए। कपड़े ज्यादा रंगीन और सुंदर पहनने चाहिए और सुगंध का इस्तेमाल करना चाहिए। नियमित रूप में भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करनी चाहिए। साथ ही पूजा में फूलों का विशेष प्रयोग करना चाहिए। इस महीने में नशीली चीजें और मांस-मदिरा आदि का सेवन करने से बचना चाहिए। इस महीने में व्यक्तियों को अपनी क्षमता के अनुसार दान जरूर करना चाहिए।