नई दिल्ली। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर मंगलवार को आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू की राम कथा में शरीक हुए। यह राम कथा इंग्लैंड स्थित कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में आयोजित की गई थी। यहां मंच पर आते ही ऋषि सुनक ने सबसे पहले ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाया। उसके बाद उन्होंने कहा कि मैं यहां प्रधानमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक हिंदू के रूप में हूं।
“जय सिया राम, 🚩 मैं यहां प्रधानमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक हिंदू के रूप में हूं।” : मोरारी बापू की रामकथा में बोले UK के PM @RishiSunak@narendramodi @AmitShah @PuchtaHaiBharat @WebBharat pic.twitter.com/20xYTIILdR
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वहीं, आध्यात्मिक गुरु ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि एक सामान्य व्यक्ति की तरह, हमारे ऋषि साहब यहां हैं। आपका हार्दिक स्वागत है। भगवान हनुमान आपको आशीर्वाद दें और ब्रिटिश लोगों को लाभ मिले। सुनक ने आगे कहा कि आज भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में मोरारी बापू की राम कथा में उपस्थित होना वास्तव में सम्मान और खुशी की बात है।
सुनक ने यह भी कहा कि उनकी हिंदू आस्था उनके जीवन के हर पहलू में उनका मार्गदर्शन करती है और उन्हें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का साहस देती है। मेरे लिए, विश्वास बहुत व्यक्तिगत है। यह मेरे जीवन के हर पहलू में मेरा मार्गदर्शन करता है। प्रधानमंत्री बनना एक बड़ा सम्मान है। लेकिन, यह एक आसान काम नहीं है। कठिन निर्णय लेने होते हैं, कठिन विकल्पों का सामना करना पड़ता है। मुझमें अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ करने का साहस, शक्ति और लचीलापन है।
ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर सुनक को मन्दिर से बाहर प्रसाद वितरण करते देख दुनियां के हजारों वामपंथियों, जिहादियों, चर्चो के ईसाइयों और कांग्रेस में सनातन विरोधियों के होश उड़ रहे होंगे। pic.twitter.com/FL48F046rK
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सुनक ने साझा किया बचपन का किस्सा
सुनक ने साउथेम्प्टन में अपने बचपन को याद किया। जहां वह अक्सर परिवार के साथ अपने पड़ोस के मंदिर में जाते थे। सुनक ने कहा कि बड़े होते हुए, मुझे साउथेम्प्टन में हमारे स्थानीय मंदिर में जाने की बहुत अच्छी यादें याद हैं। मेरे माता-पिता और परिवार हवन, पूजा, आरती का आयोजन करते थे। उसके बाद, मैं अपने भाई-बहन और चचेरे भाइयों के साथ दोपहर का भोजन और प्रसाद परोसने में मदद करता था।
‘रामायण’, ‘भगवद गीता’ और ‘हनुमान चालीसा’ को किया याद
सुनक ने कहा कि मैं आज यहां से उस ‘रामायण’ को याद करते हुए जा रहा हूं, जिस पर बापू बोलते हैं। साथ ही ‘भगवद गीता’ और ‘हनुमान चालीसा’ को भी याद कर रहा हूं। मेरे लिए, भगवान राम हमेशा जीवन की चुनौतियों का साहस के साथ सामना करने, शासन करने के लिए एक प्रेरणादायक व्यक्ति रहेंगे।
‘ऋषि सुनक धरती का पुत्र’ आपको बता दें कि ऋषि सुनक, पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री, जो पंजाबी मूल के हिंदू भी हैं। इनका जन्म और पालन-पोषण साउथेम्प्टन में हुआ था। लेकिन, ब्रिटेन के पहले अश्वेत प्रधानमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति पर भारतीयों ने खुशी जताई है, जो अभी भी उन्हें अपनी धरती का पुत्र मानते हैं।