न्यूज़ डेस्क (Bns)। पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल-हमास के बीच शुरू हुआ युद्ध अब भी जारी है। इस युद्ध में अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है…वहीं कई हजारों लोग घायल भी हुए। इस बीच गाजा में युद्धविराम को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, गाजा में युद्धविराम (Israel-Hamas Ceasefire) को लेकर यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में प्रस्ताव पारित हो गया है। हालांकि अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं की…लेकिन इसके पक्ष में 14 वोट पड़े हैं। UNSC के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि इस प्रस्ताव को अवश्य ही लागू किया जाना चाहिए।
गुटेरेस ने ‘एक्स’ पर एक ट्वीट कर लिखा, सुरक्षा परिषद ने गाजा में बहुप्रतीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें तत्काल युद्धविराम और सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की गई थी। उन्होंने आगे कहा, इस प्रस्ताव को लागू किया जाना चाहिए. विफलता माफी योग्य नहीं होगी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आज पहली बार प्रस्ताव पारित कर गजा में इजराइल और हमास के बीच तत्काल संघर्ष विराम तथा बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की है।
14 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। इजराइल का सबसे बड़ा समर्थक अमरीका मतदान से अनुपस्थित रहा।
#UNSC pic.twitter.com/A3X1FG18lD
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) March 25, 2024
बता दें अमेरिका की तरफ से लगातार गाजा में बंदी बनाए गए लोगों की रिहाई की मांग जी रही है। यूएनएससी से पारित प्रस्ताव में बंधकों की रिहाई की भी मांग की गई थी लेकिन अमेरिका ने इस पर वोट नहीं डाला। इससे पहले भी अमेरिका ने सिक्योरिटी काउंसिल में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसे रूस और चीन ने वीटो कर दिया था। उस प्रस्ताव में ‘तत्काल और निरंतर संघर्ष विराम’ की मांग की गई थी।
हालांकि युद्धविराम की मांग वाले प्रस्ताव पर अमेरिका द्वारा वोट नहीं करने से इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) नाराज हो गए। नेतन्याहू का कहना है कि वह गाजा में युद्धविराम के लिए यूएनएससी के प्रस्ताव को वीटो नहीं करने पर वाशिंगटन में योजना के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका की तरफ से इजरायल पर युद्धविराम को लेकर कथित रूप से लगातार दबाव बनाया जा रहा था, इस पर दोनों मुल्कों में बातचीत चल रही थी।
Note the applause at the UNSC after the Gaza ceasefire resolution passed
This is extremely uncommon
Last time this happened was when de Villepin gave a historic speech against the Iraq war in 2003
It reflects the immense exasperation with Biden's efforts to keep the war going pic.twitter.com/xpIgLO6PrW
— Trita Parsi (@tparsi) March 25, 2024
(इनपुट-एजेंसी के साथ)