”सुषमा के स्नेहिल सृजन”…✍️ छंद-रूप घनाक्षरी विश्वकर्मा जयंती ———————————————— सकल सृष्टि के कर्ता, शिल्पकार विश्वकर्मा, ‘सुषमा’ सजाते विश्व, नमन है बारम्बार। श्रमदेव आशीष से, हुनर को पहचान, सुदृढ़ संकल्प लिए, कर्म करें कामगार। विज्ञान विधाता शिल्पी, वास्तु कला ज्ञाता शिल्पी, ऐसे दक्ष कारीगर, देव प्रभु शिल्पकार। स्वर्णमय लंका नाम, द्वारिका बसाया धाम, बंगाल की खाड़ी पुरी, चारों धाम में स्वीकार। ———————————————- *…✍️सुषमा प्रेम पटेल
श्रेणी: गेस्ट कॉलम
विशेष लेख :प्रकृति की धुली हुई हरियाली का स्वागत करना ही है – हरेली
श्रीमती दिव्या वैष्णवश्रावण माह की अमावस्या एक ऐसा दिन जो विशेष भी है और महत्वपूर्ण भी। इस दिन से छत्तीसगढ़ महतारी के आंगन में त्यौहारों का आगमन शुरू हो गया है। अगर आपका बचपन छत्तीसगढ़ की मिट्टी में गुजरा है तो आज के दिन का महत्व आपने जरूर देखा और समझा होगा लेकिन अगर आप आज के इस विशेष दिन के बारे में नहीं जानते हैं तो आज आपका परिचय छत्तीसगढ़ के पहले त्यौहार ‘हरेली तिहार’ से होगा।हरेली एक कृषि त्यौहार है और हरियाली शब्द से जुड़ा है।गौर कीजिए,आज आपने…
विशेष आलेख : कोरोना काल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संजीवनी देने वाले मनरेगा के 16 साल पूरे
ग्रामीण अंचलों में प्रत्येक परिवार को रोजगार की गारंटी देने वाला ‘मनरेगा’ 2 फरवरी को अपने क्रियान्वयन के 16 साल पूरे कर रहा है। देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2 फरवरी 2006 को आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले से ‘मनरेगा’ यानि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) को अमलीजामा पहनाने की शुरूआत की थी। पहले चरण में इसे देश के 200 सबसे पिछड़े जिलों में लागू किया गया था। वर्ष 2007-08 में दूसरे चरण में इसमें 130 और जिलों को शामिल किया गया। तीसरे चरण में…
झालम गौठान ने बनाया महिलाओं को आत्मनिर्भर, मल्टी एक्टिविटी से महिला समूह को हुई साढ़े 4 लाख की आय
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत बेमेतरा जिले के ग्राम पंचायत झालम में निर्मित ‘गौठान-पशु आश्रय स्थल’ पशुधन के रखरखाव एवं उनकी देखभाल का डे-केयर सेंटर बनने के साथ ही स्वसहायता समूह की महिलाओं की आजीविका का केन्द्र बन गया है। यह गौठान 3 एकड़ में फैला हुआ है। यहाँ लगभग 430 पशुओं के चारे-पानी का प्रबंध एवं देखरेख की जाती है। गोठान से जुड़ी चार स्व सहायता समूह की 40 महिलाओं यहां आजीविका की विभिन्न गतिविधियों को संचालित कर बेहतर आय प्राप्त करने लगी हैं।…
विशेष लेख : चलो ऐसा उपाय अपनाएं कि लॉकडाउन लौट के न आए…
जब हम हताश और निराश हो जाते हैं तो हमें जिदंगी का एक-एक पल चुनौतियों से भरा और बोझ सा लगने लगता है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि उम्मीद पर ही दुनियां टिकी है। जीवन मे आशा और निराशा दोनों होते हैं और हर इंसान के भीतर आशा और निराशा के बीच द्वंद चलता रहता है, इस दौरान हमारी सकारात्मक सोच ही होती है जो हमें उलझनों के बीच आशाओं की नई किरण दिखाती है। हमारी उम्मीदें हमें मुश्किल परिस्थितियों से उबार देती है। हम जानते हैं कि कोरोना महामारी…
विशेष लेख : ग्रामीणों की ग्रामीणों द्वारा संचालित है गौठान और गोधन न्याय योजना
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गांवों में निर्मित गोठान और गोधन न्याय योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नया संबल मिला है। गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 116 करोड़ रूपए से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है। खरीदे गए गोबर से राज्य के लगभग 7800 गौठानों में बहुतायत रूप से वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन महिला समूहों द्वारा किया जा रहा है। गौठानों अब तक उत्पादित एवं विक्रय की गई कम्पोस्ट खादों की कीमत 100 करोड़ रूपए…
नई सरकार नई पहल : छत्तीसगढ़ 36 माह, महिलाओं की सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड प्लान सराहनीय कदम
विकसित देशों पर नजर डालने पर यह बात पता चलती है कि वहां के विकास की भागीदारी में जितना योगदान पुरूषों का है, उतना ही योगदान वहां की महिलाओं का है। इन देशों की महिलाएं वहां की अर्थव्यवस्था में बराबरी से भूमिका निभा रही हैं। देश और प्रदेश की तरक्की के लिए महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाना जरूरी है इसलिए महिलाओं को उनके विकास के लिए जरूरी वातावरण और सुविधाएं देने के साथ ही उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के…
विशेष लेख : छत्तीसगढ़ के छत्तीस माह, बनने लगी है विकास की नई राह
यह समय का पहिया, कब और कैसे आगे बढ़ जाता है, पता ही नहीं चलता। तीन साल हो गए। हमारी छत्तीसगढ़ सरकार के कार्यकाल को। पता ही नहीं चला। कोरोना की वजह से दहशत और लॉकडाउन में अनेक चुनौतियां आई। जिस तरह से समय का पहिया आगे बढ़ता गया, ठीक वैसे ही छत्तीसगढ़ में विकास का पहिया चुनौतियों के बीच कभी थमा नहीं। प्रत्येक मुश्किलों और बाधाओं में भी छत्तीसगढ़ की सरकार जनता के लिये, जनता के साथ खड़ी रही। अपनी योजनाओं और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से सम्मान हासिल…
छत्तीसगढ़ मॉडल : परम्परागत व्यवसायों और आस्था के केन्द्रों का हो रहा विकास
छत्तीसगढ़ में कृषि और इससे जुड़े व्यवसाय के लिए सामाजिक ताना-बाना आज भी माकूल है। राज्य में खेती-किसानी लोगों की जीवन चर्या पर अभिन्न अंग है। यह न केवल उनकी आजीविका का स्रोत है, बल्कि उनकी ग्रामीण संस्कृति से भी जुड़ी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का भी काम कर रही है। छत्तीसगढ़ के लोगों में अपनी संस्कृति पर गर्व की भावना जगाने के लिए छत्तीसगढ़ के तीज-त्यौहारों पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है। वहीं वनांचल में…
गढ़थे नवा छत्तीसगढ़ : नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना छत्तीसगढ़ के लिए गेम चेंजर साबित होगी
हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जमीन से जुड़े हुए किसान होने के साथ ही आम जनता के लिए अत्यधिक संवेदन शील भी हैं। वे जानते हैं छत्तीसगढ़ का व्यक्ति स्वाभिमानी है, अपनी जड़ों से जुड़ा रहना जानता है और चाहता भी है। इसीलिए वे हमेशा छत्तीसगढ़ की संस्कृति, विरासत को सहेजने ,संवारने में जुटे रहते हैं।उनका यह सपना है कि हमारे गांव आत्मनिर्भर बने। वे महात्मा गांधी की परिकल्पना के अनुसार सुराजी गांव बनाना चाहते हैं। इसीलिए 17 दिसंबर 2018 को शपथ लेने के बाद ही उन्होंने छत्तीसगढ़ के चार चिनारी…