नई दिल्ली। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर से जुड़े मामले को लेकर आज संसदीय समिति की दिल्ली में बैठक हुई है। संसद भवन में हुई बैठक में समिति ने ट्विटर के प्रतिनिधियों को तलब किया था। ट्विटर प्रतिनिधियों से नए कानूनों को लेकर सवाल किया गया था, जिस पर ट्विटर ने अड़ियल रवैया अपनाते हुए अपनी पॉलिसी से ना हटते हुए, उन्हीं पर चलने की बात कही है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी इस समिति का नेतृत्व कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में संसदीय समिति की ओर से नए कानूनों को पालन को लेकर हुए सवाल पर ट्विटर प्रतिनिधि ने कहा कि हम तो अपनी बनाई नीतियों का ही पालन करते हैं। इस परसंसदीय समिति के सदस्यों ने पेश हुए ट्विटर के प्रतिनिधियों से कहा कि लिखित में हमें इसका जवाब दीजिए कि आपको ट्विटर इंडिया में कैसे रखा गया है और महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लेने के मामले में आपके पास कितना कार्यकारी अधिकार है। ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधि को समिति ने ये भी कहा कि आप अपनी प्राइवेसी पॉलिसी का हवाला दे रहे हैं तो क्या ये देश के कानून से ऊपर है।
स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों ने ट्विटर इंडिया से पूछा कि जब उसने भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया तो उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। ट्विटर ने जवाब दिया कि वह नियमों का पालन कर रहा है और एक अधिकारी भी नियुक्त किया है। कमेटी ने बताया कि आयरलैंड में भी ट्विटर पर जुर्माना लग चुका है।
संसदीय समिति के सामने पेश होने के बाद ट्विटर की ओर से कहा गया है कि हम समिति के समक्ष अपने विचार साझा करने के लिए अवसर मिलने का सम्मान करते हैं। पारदर्शिता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता के हमारे सिद्धांतों के अनुरूप नागरिकों के अधिकारों की ऑनलाइन सुरक्षा के महत्वपूर्ण कार्य पर समिति के साथ काम करने के लिए हम तैयार हैं। ट्विटर प्रवक्ता ने कहा कि हम लोगों की सेवा और सुरक्षा के लिए भारत सरकार के साथ काम करना जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि केंद्र के नए IT नियमों को लेकर बीते कुछ दिनों से ट्विटर और सरकार के बीच तनातनी देखने को मिल रही है। हाल ही में केंद्र ने ट्विटर का इंटरमीडियरी का दर्जा भी खत्म कर दिया है।