नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंडियन इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) 2020 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष में भारत की एक समृद्ध विरासत रही है और आज भारत ‘ग्लोबल हाईटेक पावर’ के विकास और क्रांति का केंद्र बन रहा है। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से चार दिवसीय भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) के छठे संस्करण का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी भारत में अभाव और प्रभाव के अंतर को कम करने में सेतु का काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आज गांव में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या शहरों से ज्यादा है। गांव का गरीब किसान भी डिजिटल पेमेंट कर रहा है। आज भारत की बड़ी आबादी स्मार्ट फोन आधारित ऐप से जुड़ चुकी है। आज भारत ग्लोबल हाईटेक पावर (वैश्विक उच्च प्रोद्योगिक शक्ति) के विकास और क्रांति दोनों का केन्द्र बन रहा है।’’
Speaking at the India International Science Festival. https://t.co/AosroYdIQI
— Narendra Modi (@narendramodi) December 22, 2020
उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक के माध्यम से गरीब से गरीब को भी सरकार के साथ सीधे जोड़ा गया है और सामान्य भारतीयों को ताकत भी दी है और सरकारी सहायता की सीधी तेज आपूर्ति का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘बीते छह साल में युवाओं को अवसरों से जोड़ने के लिए देश में विज्ञान और प्रौद्योगिक के उपयोग का विस्तार किया गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी भारत में अभाव और प्रभाव के अंतर को भरने का बहुत बड़ा सेतु बन रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कोरोना के टीके के इजाद में लगे वैज्ञानिकों की सराहना की और कहा कि विज्ञान व्यक्ति के अंदर के सामर्थ्य को बाहर लाता है।
विज्ञान व्यक्ति के अंदर के सामर्थ्य को बाहर लाता है।
यही स्प्रिट हमने कोविड वैक्सीन के लिए काम करने वाले हमारे वैज्ञानिकों में देखी है।
हमारे वैज्ञानिकों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमें बेहतर स्थिति में रखा है।
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उन्होंने कहा, ‘‘यही भावना हमने कोविड वैक्सीन के लिए काम करने वाले हमारे वैज्ञानिकों में देखी है। हमारे वैज्ञानिकों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमें बेहतर स्थिति में रखा है।’’ केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू महोत्सव के आखिरी दिन 25 दिसंबर को संबोधित करेंगे।
इस बार IISF-2020 का विषय ‘‘आत्मनिर्भर भारत और विश्व कल्याण के लिए विज्ञान’’ रखा गया है। इस महोत्सव का आयोजन वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंधित विज्ञान भारती, बायोटेक्नोलॉजी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय संयुक्त रूप से किया गया है। वर्ष 2015 में शुरू हुआ आईआईएसएफ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन देने का एक उत्सव है। इसका उद्देश्य जनता को विज्ञान से जोड़ना, विज्ञान की खुशी को मनाना और यह दिखाना कि कैसे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) जीवन में सुधार के लिए समाधान उपलब्ध करा सकते हैं।
त्योहार, उत्सव भारत की संस्कृति भी है और परंपरा भी है। आज हम विज्ञान को सेलिब्रेट कर रहे हैं।
हम उस ह्यूमन स्प्रिट को भी सेलिब्रेट कर रहे हैं जो हमें लगातार इनोवेशन के लिए प्रेरित करती है।
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