पीनएबी स्कैम के घोटालेबाज नीरव मोदी के आलीशान बंगले को तोड़ना शुरू

पीनएबी स्कैम के घोटालेबाज नीरव मोदी के आलीशान बंगले को तोड़ना शुरू

मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के आलीशान बंगले को गिराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में अलीबाग बीच के पास बने इस ‘अवैध’ बंगले को तोड़ने के लिए प्रशासनिक अमला भारी मशीनों के साथ शुक्रवार सुबह मौके पर पहुंचा गया था।

भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के जिस बंगले को गिराने की कार्रवाई शुरू हुई, उसका क्षेत्रफल 33 हजार वर्गफीट है, जबकि जमीन का कुल क्षेत्रफल 70 हजार वर्गफीट है। दो मंजिला बंगले को पूरी तरह धराशायी करने में कम से कम चार दिन लगेंगे। बंगला ढहाने गई टीम का नेतृत्व एसडीओ शरद पवार कर रहे हैं।

मुंबई से 90 किलोमीटर दूर स्थित इस बंगले को तत्कालीन कलेक्टर एसओ सोनावने ने वैध घोषित किया था, लेकिन वर्तमान कलेक्टर विजय सूर्यवंशी ने इसे अवैध घोषित कर दिया। घोटालेबाज नीरव मोदी ने 2009-10 में अलीबाग बीच के समीप बने इस बंगले में कई भव्य पार्टियां दी थीं। बंगले की बाजार कीमत 100 करोड़ रुपए से अधिक है।

बंगला तोड़ने की प्रक्रिया शुरू होने के पहले गुरुवार को वहां की सभी मूल्यवान वस्तुओं को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निकालकर उसे कलेक्टर कार्यालय में जमा कराया। रायगढ़ कलेक्ट्रेट के सूत्रों ने बताया कि ईडी से औपचारिक संदेश मिलने के बाद नीरव मोदी का बंगला गिराने की प्रक्रिया शुरू की गई। एसडीएम शरद पवार ने बंगला गिराने के लिए बड़ी मशीनें पहले ही बुला ली थीं।

एक महीने पहले ही ईडी ने रायगढ़ जिला प्रशासन को नीरव मोदी का बंगला गिराने की अनुमति दी थी। वहीं, पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने भी राज्य सचिवालय में रायगढ़ के जिलाधीश विजय सूर्यवंशी के साथ तटीय जिले में अवैध बंगलों पर समीक्षा बैठक के बाद इन्हें ध्वस्त करने के आदेश दिए थे।

ईडी के एक सूत्र ने कहा- रायगढ़ प्रशासन ने अवैध बंगला गिराने की अनुमति मांगी थी, हमने इसकी स्वीकृति दी थी। यह स्वीकृति इस आधार पर दी गई कि राज्य सरकार को इस बंगले के निर्माण में कमियां मिली थीं। हाई कोर्ट का भी आदेश है कि सरकार वे सभी बंगले गिराए जो पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करते हैं। रायगढ़ जिले के अलीबाग और मुरुद में कुल 202 अवैध बंगले हैं, जिन्हें आने वाले दिनों में गिराया जा सकता है।

बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह कार्रवाई की जा रही है। वहां एक एनजीओ शंभुराजे युवा क्रांति ने जनहित याचिका दाखिल कर क्षेत्र के उच्च ज्वार व निम्न ज्वार (हाई टाइड व लो टाइड) क्षेत्र में बने अवैध बंगलों, होटलों और रिजॉर्ट पर कार्रवाई करने की मांग की थी, क्योंकि उनके कारण क्षेत्र का पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा था। इसके बाद उच्च न्यायालय ने अवैध निर्माणों को तोड़ने की अनुमति प्रदान की थी।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.