राजधानी में किन्नर सम्मेलन, देश भर से 5 सौ जुटेंगे
रायपुर। राजधानी रायपुर में करीब छह साल बाद किन्नरो का महासम्मेलन कल 10 से 25 जनवरी तक गंज मैदान स्टेशनरोड में होने जा रहा है। जिसमें देश भर से करीब 500 से भी अधिक किन्नर जुटेंगे। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। किन्नरों ने सम्मेलन से पहले दो टूक कहा कि उनका राजनीति से कोई सरोकार नहीं है वे सिर्फ अपने बुजुर्गों की परम्परा को उसी रीति रिवाज से आगे बढ़ा रहे हैं। वे तो समाज के हर वर्ग के लिए सिर्फ सलामती और खुशहाली की दुआ मांगते हैं। रायपुर का सम्मेलन वे शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए समर्पित करते हैं।
किन्नर सम्मेलन के संदर्भ में मीडिया से चर्चा करते हुए भूलो नायक, ज्योति किन्नर, नगीना किन्नर ने संयुक्तरूप से बताया कि छत्तीसगढ़ किन्नर समाज के तत्वाधान में स्वर्गीय मुमताज नायक (नागपुर वाले) की स्मृति में अखिल भारतीय महामंगला मुखी किन्नर सम्मेलन का आयोजन 10 से 25 जनवरी तक स्टेशन रोड गंज मैदान में किया गया है। इस सम्मेलन में झाड़ी, बरार, खानदेश सहित पूरे छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तरप्रदेश व अन्य शहरों से प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।
इस सम्मेलन में किन्नरों की सामाजिक परम्परा अनुसार बहन, बेटी बनाये जायेंगे। समाज के भीतर यदि कोई विवाद हो तो उसका निपटारा भी उनकी महापंचायत करेगी। इस बीच एक दिन भव्य कलश यात्रा का नगर भ्रमण होगा इसकी तारीख अभी तय नहीं हैं। सम्मेलन स्थल पर रोजाना शाम 7 से रात्रि 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। सम्मेलन सभी के सहयोग से हो रहा है।
चर्चा के दौरान उपस्थित बुजुर्ग किन्नरों ने इस बात पर दुख जताया कि किन्नरों के कौम को कुछ अवांछित लोग बदनाम कर रहे हैं। टे्रनों में या शहरों में घूमकर जबर्दस्ती करने वाले किन्नरों से उनका कोई वास्ता नहीं है, पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई करे। हमारे समाज का राजनीति से कोई सरोकार नहीं है, राजनीति करने वाले अपने लाभ के लिए ऐसा करते हैं। किसी भी पार्टी की सरकार आए उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता। नए पीढ़ी के कुछ किन्नर सरकार की ओर से बनायी गई नीतियों का लाभ लेने आतुर हैं, क्या नेहरू और इंदिरा के जमाने में किन्नर नहीं थे? अपने बुजुर्गों की परम्परा को उसी रीति रिवाज से आगे बढ़ाने वाले ही गुरू शिष्य की परम्परा का पालन करने वाले ही असली किन्नर हैं। जो सिर्फ और सिर्फ अपने जजमानों के लिए दुआ मांगते हैं।
00 अपनी परम्परा को आगे बढ़ा रहे, राजनीति से कोई सरोकार नहीं
00 शहीदों को श्रद्धांजलि और समाज की खुशहाली को समर्पित है सम्मेलन