मोबाइल बेस्ड एप्लीकेशन ’सुगम’ का लोकार्पण, पंजीयन प्रक्रिया को ज्यादा से ज्यादा जनता हितैषी एवं सरल बनाये: मंत्री ओ पी चौधरी

रायपुर। वाणिज्यिक कर एवं वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने आज मोबाईल बेस्ड एप्लीकेशन सुगम का लोकार्पण किया। इस एप्लीकेशन में कोई भी व्यक्ति अपनी रजिस्ट्रीकृत दस्तावेज के संपत्ति स्थल पर जाकर स्थल का 03 साईड से फोटो तथा अक्षांश एवं देशांतर भौगोलिक स्थिति को रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर में प्रविष्ट कर सकेगा। इससे संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी एवं कर अपवंचन को रोकने में सार्थक मदद मिलेगी। साथ ही श्री चौधरी ने पंजीयन विभाग के कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा बैठक मंत्रालय महानदी भवन, अटल नगर नवा रायपुर में आयोजित किया गया था। मंत्री…

Raksha Bandhan 2024: जब मां लक्ष्मी ने राजा बलि को बांधी थी पहली राखी, दिलवायी भगवान विष्णु को मुक्ति, जानें रक्षा बंधन की रोचक कहानी…।

धर्म डेस्क(Bns)। रक्षा बंधन कहानी “येन बद्धो बलिराजा…“, ये मंत्र तो आपने सुना ही होगा। जी हां, जब भी रक्षा सूत्र बांधा जाता है, तो यह मंत्र जरूर पढ़ा जाता है। बहनें जब भाइयों को राखी बांधती हैं, तब भी इस मंत्र का उच्चारण किया जाता है। क्या आप जानते हैं, यह मंत्र क्यों पढ़ा जाता है, इस मंत्र के पीछे की धार्मिक घटना क्या है? आइए रक्षा बंधन त्योहार के पवित्र मौके पर जानते हैं, इस मंत्र से रक्षा बंधन की कथा का क्या संबंध है और माता लक्ष्मी…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय विशाल कांवड़ यात्रा कार्यक्रम में हुए शामिल, मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों की सुख समृद्धि की कामना की

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज गुढियारी स्थित मारुती मंगलम भवन में आयोजित विशाल कांवड़ यात्रा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उनके साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह एवं विधायक राजेश मूणत भी साथ में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री साय ने उपस्थित श्रद्धालुओं और कांवड़ियों से कहा कि सावन मास में ही मुझे बाबा भोरमदेव के दर्शन करने का अवसर मिला। यह मंत्र मुग्ध कर देने वाला अवसर था। हमने कांवड़ियों पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की। पूरे यात्रा मार्ग में कांवड़ियों का उत्साह छलक रहा था। मुख्यमंत्री ने…

Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन पर आज रहेगा इतने घंटे का शुभ समय, जानें राखी बांधने का मुहूर्त और विधि, पंचक सहित इस घड़ी तक रहेगा भद्रा का साया, देखें सबसे शुभ मुहूर्त….

धर्म डेस्क। भारतीय संस्कृति में, रक्षा का त्योहार भाई-बहन के बीच प्यार, स्नेह और बंधन का प्रतीक है। इस दिन बहनें राखी, रोली (पवित्र लाल धागा), चावल, मिठाई और दीयों से थाली तैयार करती हैं। वे आरती करती हैं और भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और राखी बांधती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वादा करते हैं और उनके प्यार के प्रतीक के रूप में उपहार या पैसे देते हैं। रक्षा बंधन हिंदू माह श्रावण की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। द्रिकपचांग के…