कुंभ के बाद पर्यटन का सबसे केंद्र बनेगा उत्तर प्रदेश : CM योगी

कुंभ के बाद पर्यटन का सबसे केंद्र बनेगा उत्तर प्रदेश : CM योगी

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि कुंभ के दिव्य-भव्य आयोजन के बाद देश में पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र उत्तर प्रदेश होगा। बीते डेढ़ वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश 18वें से स्थान से दूसरे स्थान तक की दूरी तय की है। सीएम लोहड़ी, पोंगल, मकर संक्रांति, खिचड़ी त्योहार की ह्दय से बधाई और शुभकानांए प्रदान की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को गोरखपुर विश्वविश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय गोरखपुर महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश के हर जनपद में, उस जनपद की पृष्ठभूमि, परम्परा और संस्कृति को ध्यान में रख कर महोत्सव के आयोजन किए जाए। इसके अलावा ऐसे अन्य महत्वपूर्ण स्थल जिन्होंने देश की संस्कृति, इतिहास, परम्परा के साथ विशिष्ठ योगदान दिया है, उन स्थलों पर भी इस प्रकार के महोत्सव के कार्यक्रम होंगे। महोत्सव का उद्देश्य ही है लोक परम्परा, लोक संस्कृति और लोक कलाओं को प्रोत्साहन और संरक्षण देना। इस दृष्टि से लगातार दूसरे वर्ष गोरखपुर महोत्सव आयोजित हो रहा है।

योगी ने कहा कि संस्कृति किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है। राष्ट्र केवल एक जमीन का टूकड़ा नहीं होता है, जीता जागता स्वरूप होता है। जमीन के टूकड़े के साथ आत्मा रूपी संस्कृति जुड़ती है तो वह जीवंत स्वरूप अपने आप को बनाता है। संस्कृति की समृद्धि के लिए लोक परम्परा, लोक विरासत और लोक कला अत्यंत महति भूमिका निभाते हैं। इस लोक परम्परा, विरासत और कला को प्रोत्साहित करने के लिए ही प्रदेश में महोत्सव के आयोजन प्रत्येक जनपद में करने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में पयर्टन और संस्कृति मंत्रालय, स्थानीय प्रशासन, स्थानीय लोककर्मियों और संस्कृति कर्मियों के साथ मिल कर गोरखपुर में दूसरे वर्ष भी महोत्सव को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि महोत्सव का मतलब यह नहीं कि कुछ बालीबुड के कलाकारों को बुला लिया और महोत्सव हो गया। महोत्सव में भावी पीढ़ी को वर्तमान और वर्तमान पीढ़ी को अपनी पुरातन पीढ़ी के साथ जोड़ने की कोशिश होनी चाहिए। ऐसा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाता है। गोरखपुर में महोत्सव के मंच पर बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों के छात्र से लेकर हर वर्ग के कलाकार एवं लोग शामिल हो रहे हैं। यह आयोजन प्रेरणादायी है। महायोगी श्री गोरक्षनाथ की परम्परा से इस महानगर और जनपद का नाम पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण दुनिया ने योग की पम्परा को स्वीकार किया है। दुनिया के 172 देश जिनका धर्म में विश्वास नहीं, योग के साथ जुड़ने में गौरव की अनुभूति करते हैं। 21 जून को योग दिवस को मनाते हैं तो आयोजन के साथ दुनिया का जुड़ाव भारत की इस सांस्कृति-विरासत को वैश्विक मंच पर मान्यता प्रदान करने जैसा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों वर्षो से कुंभ के आयोजन से हर भारतीय जन जुड़ता है। इसके लिए सरकार के प्रचार की आवश्यकता नहीं है। कोई श्रद्धालु सरकार की सुविधा का मोहताज नहीं होता। एक सामान्य सा व्यक्ति एक सामान्य पंचांग में कुंभ की तिथि देख कर स्नान के लिए प्रयागराज प्रस्थान कर लेता है। वह सुविधा की चिंता नहीं बरता बल्कि अपनी गठरी बांध कर विशिष्ठ तिथि प्रयाग में कुंभ स्नान कर पुण्य का भागी बनता है। यही आस्था भारत की परम्परा है जो दुनिया में भारत को विशिष्ठ बनाती है। गोरखपुर महोत्सव भी उसका एक हिस्सा बने। सांस्कृतिक रूप से लोक पम्परा की दृष्टी से यह क्षेत्र अत्यंत समृद्ध है। पर्यटन के लिए अनेक संभावनाएं हमारे पास है। हर प्रकार के पयर्टन के लिए स्कोप है लेकिन इन क्षेत्रों को प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। पयर्टन में जो उत्तर प्रदेश 18वें स्थान पर था, दूसरे स्थान पर आ गया है। योगी ने कहा कि भव्य-दिव्य कुंभ के आयोजन को दुनिया के समक्ष आने दिजिए, पयर्टन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गंतव्य होगा। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा पयर्टन का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या, भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा, भगवान विश्वनाथ का पवित्र स्थल काशी, देश में चार स्थानों पर आयोजित होने वाले कुंभ में विराट स्थल प्रयागराज उत्तर प्रदेश में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ का आयोजन दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है। मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में यूनेस्को ने इसे मान्यता प्रदान की है, आज वैश्विक मान्यता देने के लिए तमाम देशों ने अपने ध्वज फहराएं हैं।

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