नई दिल्ली(Bns)। महिला आरक्षण विधेयक (Women Reservation Bill) लोकसभा से भारी बहुमत से पास हो गया। बिल पर पर्ची से वोट डाले गए। ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक-2023’ ((Nari Shakti Vandan Vidheyak) के समर्थन में 454 वोट पड़े। वोटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) भी सदन में मौजूद रहे। इससे पहले संसद के विशेष सत्र (Parliament Special Session) के तीसरे दिन बुधवार को विधेयक पर सुबह 11 बजे से चर्चा शुरू हुई और पूरे दिन जारी रही। ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक-2023’ बिल (Nari Shakti Vandan Bill) को अब राज्यसभा (Rajya Sabha) में पेश किया जाएगा। मालूम हो कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने मंगलवार को लोकसभा में नारी शक्ति वंदन बिल पेश किया था। बिल के कानून बन जाने के बाद लोकसभा में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी और महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी।
गौरतलब है कि लोकसभा ने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023’ को पास कर दिया है। इसके लिए वोटिंग कराई गई। बिल के पक्ष में जहाँ 454 वोट पड़े, वहीं बिल के खिलाफ मात्र 2 सांसदों ने ही वोट दिया।
हमारे लिए यह बिल राजनीतिक एजेंडा नहीं: अमित शाह
महिला आरक्षण विधेयक (Women Reservation Bill) पर लोकसभा में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि यह बिल भारतीय जनता पार्टी (BJP) और मोदी जी के लिए कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है, बल्कि यह समय की मांग है। गृह मंत्री ने कहा कि चुनाव के बाद जनगणना और परिसीमन दोनों होगा, बहुत जल्द समय आएगा कि एक तिहाई माताएं-बहनें सदन में होंगी। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक लाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मातृशक्ति को सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण का नारा चुनाव जीतने का एक हथियार हो सकता है, लेकिन BJP के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मानयता का सवाल है।
भाजपा के सभी सांसदों में 29% सांसद ओबीसी से हैं, मंत्री भी 29 ओबीसी से हैं। भाजपा के 1,358 विधायकों में से 365 विधायक ओबीसी से हैं, यानी 27% हैं। यहां जो ओबीसी का राग अलाप रहे हैं, ये उन सभी से ज्यादा है।
चुनावी भाषण करना ठीक है, किसी NGO द्वारा बनाए चिट को यहां पढ़ जाना ठीक है,… pic.twitter.com/asGFTjxSUt
— BJP (@BJP4India) September 20, 2023
आप वहाँ ( विपक्ष) में बैठकर मुझे समय दोगे
आप होते कौन हो मुझे समय देने वाले…., सुनने की आदत डालो….कहे थे मत छेड़ो उन्हें… कांग्रेसियो करवा ली बेइज्जती
MOTA BHAI ON F!RE 🔥#WomenReservationBill pic.twitter.com/5SnYJCwiNc
— Hardik Bhavsar (@Bitt2DA) September 20, 2023
181 हो जाएगी महिला सांसदों की संख्या
कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा।
महिला आरक्षण विधेयक में क्या?
महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। विधेयक के अनुसार, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित सीटों की कुल संख्या में से एक तिहाई उन समूहों की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। विधेयक में प्रस्तावित है कि हर आम चुनाव के बाद आरक्षित सीटों को रोटेट किया जाना चाहिए।
2010 में राज्यसभा से हो गया था पारित
यह विधेयक बहुत लंबे समय से विधायी अधर में लटका हुआ है। आखिरी बार यह बिल साल 2010 में राज्यसभा में पारित हो गया था और मार्शलों ने कुछ सांसदों को बाहर कर दिया था, जिन्होंने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का विरोध किया था। हालांकि यह विधेयक रद्द हो गया था, क्योंकि लोकसभा से पारित नहीं हो सका था।