नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पहली बार, कुल 141 संसद सदस्यों को ‘अनियंत्रित व्यवहार’ के लिए निलंबित कर दिया गया है। इन सांसदों की तरफ से संसद में हंगामा किया जा रहा था और संसद सुरक्षा उल्लंघन पर चर्चा की मांग कर रहे थे। 18 दिसंबर को शीतकालीन संसद सत्र के दौरान कुल 92 विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित कर दिया गया, जो किसी एक सत्र के दौरान सबसे अधिक है। यह कदम संसद सुरक्षा उल्लंघन को लेकर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन और नारेबाज़ी के जवाब में उठाया गया था। फिर, 19 दिसंबर को भी सांसदों को निलंबित कर दिया गया, जिससे कुल संख्या 141 हो गई। अब लोकसभा सचिवालय की तरफ से निलंबित सांसदों को एक सर्कुलर जारी किया गया है।
MIDNIGHT BREAKING: Lok Sabha Secretariat issues a circular to all SUSPENDED MPs barring them from entering Parliament chambers, Lobbies and Galleries. pic.twitter.com/kFwgy9vedb
— Sai Ram B (@SaiRamSays) December 19, 2023
निलंबित सांसदों को लोकसभा सचिवालय की तरफ से दिए गए इस सर्कुलर में कहा गया है कि वह संसद, लॉबी या गैलरी में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। इसमें लिखा है कि सांसद निलंबन की अवधि के दौरान चेंबर, लॉबी और गैलरी में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। उन्हें संसदीय समितियों की बैठकों से निलंबित कर दिया जाता है, जिसके वे सदस्य हो सकते हैं, उनके नाम पर कार्य सूची में कोई आइटम नहीं रखा जाता है।
नोटिस में क्या कुछ है?
इसमें आगे कहा गया है, “निलंबन की अवधि के दौरान उनकी तरफ से दिया गया कोई भी नोटिस स्वीकार्य नहीं है। वे अपने निलंबन की अवधि के दौरान होने वाले समितियों के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते। अगर उन्हें शेष सत्र के लिए सदन की सेवा से निलंबित कर दिया जाता है, तो वे निलंबन की अवधि के लिए दैनिक भत्ते के हकदार नहीं हैं, क्योंकि ड्यूटी के स्थान पर उनका रहना धारा 2 (डी) के तहत ड्यूटी पर निवास के रूप में नहीं माना जा सकता है।’