नई दिल्ली। लोकसभा में तीन क्रिमिनल लॉ बिल पारित हो गये हैं। अब मॉब लिंचिंग के मामलों में फांसी की सजा होगी। देश के खिलाफ बोलने पर भी नया कानून बन गया है। पहले के राजद्रोह कानून को देशद्रोह में बदल दिया है। इसके तहत आरोपी को जेल हो सकती है। अमित शाह ने कहा कि सरकार के खिलाफ बोलने पर सजा नहीं होगी, लेकिन यदि देश के खिलाफ बोला तो जेल जाना होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कि तीन आपराधिक कानूनों के स्थानों पर लाए गए विधेयक गुलामी की मानसिकता को मिटाने और औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति दिलाने की नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं। अमित शाह ने कहा कि हम न्याय व्यवस्था को आसान करने जा रहे हैं, ताकि सभी को न्याय मिल सके।
अमित शाह ने भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि ‘व्यक्ति की स्वतंत्रंता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार’ रूपी तीन सिद्धांत के आधार पर ये प्रस्तावित कानून लाए गए हैं। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कांग्रेस पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि ‘अगर मन इटली का है तो ये कानून कभी समझ नहीं आएगा, लेकिन अगर मन यहां का है तो समझ आ जाएगा।’’
जो Indian Penal Code, 1860 में बना उसका उद्देश्य दंड देना था, न्याय देना नहीं। इस सदन की मान्यता के बाद पूरे देश में 'भारतीय न्याय संहिता', CrPC 1998 की जगह 'भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता' और Indian Evidence Act 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक अमल में आएगी: गृह मंत्री @AmitShah pic.twitter.com/tfahIGcUct
— SansadTV (@sansad_tv) December 20, 2023
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है जो भारत की जनता का हित करने वाले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी जी ने गुलामी की मानसिकता को मिटाने की दिशा में काम किया है। प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि औवनिवेशिक कानून से मुक्ति मिलनी चाहिए और इसी के तहत गृह मंत्रालय ने कानूनों को बदलने के बारे में काम करना आरंभ किया।’’ अमित शाह ने कहा कि इन विधेयकों के माध्यम से सरकार ने तीनों आपराधिक कानूनों को गुलामी की मानसिकता से मुक्त कराया है। अमित शाह ने कहा कि पहले के कानूनों के तहत ब्रिटिश राज की सलामती प्राथमिकता थी, अब मानव सुरक्षा, देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।
जो कानून repeal करने जा रहे हैं उसमें सरकारी खजाना लूटने, रेल पटरी उखाड़ने और ब्रिटिश ताज के अपमान की सजा पहले रखे गए थे।
अब महिला/बच्चों के खिलाफ अपराध को, मानव शरीर पर प्रभाव डालने और देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। फिर सेना, चुनाव और करेंसी संबंधी कानून हैंः @AmitShah pic.twitter.com/qBqjkjOka6— SansadTV (@sansad_tv) December 20, 2023
150 साल पुराने तीन कानून बदले
इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है, उन तीनों कानूनों में पहली बार मोदी जी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन लेकर मैं आया हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है।’ उन्होंने कहा कि सरकार राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने जा रही है।
कांग्रेस कानून बनाना क्यों भूली
गृहमंत्री ने सदन में कहा कि ‘मॉब लिंचिंग’ घृणित अपराध है और इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जा रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए।’’ शाह के मुताबिक, आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा।
राष्ट्रहित सर्वोपरि 🇮🇳#NayeBharatKeNayeKanoon pic.twitter.com/Wcl36lSRUJ
— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) December 20, 2023
गृहमंत्री शाह ने लोकसभा में यह भी कहा कि नये कानूनों में महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाले कानूनों को प्राथमिकता दी गई है, उसके बाद मानव अधिकारों से जुड़े कानूनों और देश की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है।’’ शाह ने कहा कि लंबे समय बाद देश की जनता ने एक ऐसी सरकार चुनी है जिसने अपने घोषणापत्र में किए वादों को अक्षरश: लागू किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने अनुच्छेद 370 हटाने का वादा किया था, हट गई…हमने कहा था कि राम मंदिर बनाएंगे, 22 जनवरी को वहां रामलला विराजमान होंगे…हमने कहा था कि महिलाओं को आरक्षण देंगे, हमने आरक्षण दिया। मुस्लिम माताओं-बहनों को न्याय दिलाने के लिए तीन तलाक को खत्म किया गया।’’