नई दिल्ली। TRAI ने वीडियो जारी कर, मोबाइल यूजर्स को एक नए स्कैम से अलर्ट किया है। दरअसल, साइबर अपराध भारत में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनता जा रहा है, जिसमें धोखेबाज लोगों से बड़ी रकम ठगते हैं। ये अपराधी अपने पीड़ितों को धोखा देने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं। कुछ मामलों में, वे बिजली या इंटरनेट जैसी जरूरी सेवाओं को काटने की धमकी देते हैं या फिर वे झूठा दावा करते हैं कि पीड़ित अवैध गतिविधियों में शामिल है। दहशत का माहौल बनाकर वे बड़ी मात्रा में पैसे चुराने में कामयाब हो जाते हैं। अब ट्राई ने मोबाइल यूजर्स को एक नए स्कैम से अलर्ट किया है।
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर, मोबाइल यूजर्स को एक नए प्रकार के स्कैम के बारे में चेतावनी दी है। वीडियो में बताया गया है कि इस स्कैम में, कॉल करने वाला व्यक्ति पीड़ित को बताता है कि ‘आपके घरेलू नेटवर्क उपयोग में उल्लंघन के कारण, आपका नेटवर्क दो घंटे में निष्क्रिय हो जाएगा’ या उनकी मोबाइल सर्विस काट दी जाएगी और उन्हें बड़ी रकम का भुगतान करने के लिए प्रेरित करता है। ट्राई ने कहा कि यह एक स्कैम है और ट्राई कभी भी ऐसे धमकी भरे कॉल नहीं करता है। ट्राई ने इस स्कैम से बचने के लिए सभी से सतर्क रहने और संचार साथी पोर्टल पर ऐसे कॉल्स की रिपोर्ट करने का आग्रह किया है।
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सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से अप्रैल 2024 तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कैम के कारण भारत को लगभग 120.3 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है। यह जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अक्टूबर को मन की बात के 115वें एपिसोड के दौरान दी, जहां उन्होंने साइबर अपराध को लेकर बढ़ती चिंताओं पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) ने संकेत दिया कि 2024 की पहली तिमाही में लगभग 7.4 लाख साइबर क्राइम कंप्लेंट्स प्राप्त हुईं। यह 2023 में दर्ज की गई कुल 15.56 लाख शिकायतों में योगदान देता है, जो 2022 में 9.66 लाख और 2021 में 4.52 लाख से उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है। इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के सीईओ राजेश कुमार ने कहा कि इस अवधि के दौरान साइबर अपराधों से हुए नुकसान में ट्रेडिंग स्कैम से 1,420.48 करोड़ रुपये, इन्वेस्टमेंट स्कैम से 222.58 करोड़ रुपये और रोमांस/डेटिंग स्कैम से 13.23 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल हैं।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम, साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक नया तरीका है, जो आम तौर पर पीड़ित को किए फोन कॉल से शुरू होता है, जिसमें उन पर अवैध सामान या तस्करी से संबंधित अपराध में शामिल होने का आरोप लगाया जाता है। स्कैमर्स वीडियो कॉल करते हैं, जिसमें वे खुद के पुलिस अधिकारियों होने का दिखावा करते हैं और गिरफ्तारी या कानूनी कार्रवाई को रोकने के लिए पैसे की मांग करते हैं। कई पीड़ित बचने के लिए पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।