नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फ्रांस में हमलों की निंदी की जिसमें नीस के चर्च में चाकू से हुआ हमला भी शामिल है, जहां तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। चाकू के साथ घुसे हमलावर ने पुलिस की गोली लगने से पहले दो महिलाओं और एक पुरुष को नोत्रे दामे बासिलिका में गुरुवार सुबह मार डाला। इसमें से एक महिला का उसने गला रेत डाला।
PM मोदी ने ट्वीट किया, ”मैं फ्रांस में हालिया आंतकवादी हमलों की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें आज नीस के चर्च में नृशंस हमला भी शामिल है। फ्रांस के लोगों और पीड़ितों के परिवारों के प्रति हमारी गहरी और हार्दिक संवेदनाएं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत फ्रांस के साथ खड़ा है।”
I strongly condemn the recent terrorist attacks in France, including today's heinous attack in Nice inside a church. Our deepest and heartfelt condolences to the families of the victims and the people of France. India stands with France in the fight against terrorism.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 29, 2020
फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स ने कहा कि हमले के बाद उनके देश ने अलर्ट लेवल को बढ़ाकर ‘इमर्जेंसी’ कर दिया है। यह हमला व्यंग्य पत्रिका शार्ली हेब्दो में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दोबारा छपने के बाद उपजे तनाव के बीच हुआ है। इसी महीने स्टूडेंट्स को पैगंबर का कार्टून दिखाने वाले एक टीचर की भी गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। मृतक शिक्षक को सम्मानित किए जाने की वजह से कई इस्लामिक देशों ने फ्रांस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि एक महिला की गला रेतकर हत्या कर दी गई जबकि दो अन्य लोगों को चाकू से गोदकर मार डाला गया। इस दौरान वह ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगा रहा था। इसे आतंकवादी हमला माना जा रहा है। हमले को आतंकवादी घटना बताने वाले नीस के मेयर क्रिश्चियन एस्टोरसी ने ट्विटर पर कहा कि कि यह नोत्रे दामे चर्च के पास हुआ और पेरिस में फ्रेंच टीचर सैमुअल पैटी पर हुए हमले जैसी घटना है। उन्होंने कहा कि हमलावर बार-बार अल्लाह हू अकबर चिल्ला रहा था।
चर्च के अंदर मारा गया एक व्यक्ति चर्चा का वॉर्डन माना जा रहा है। मेयर ने कहा, ”हिरासत में लिए जाने के दौरान संदिग्ध चाकू हमलावर को पुलिस ने गोली मारी, वह जिंदा है और अस्पताल ले जाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ”बहुत हो चुका, फ्रांस के लिए अब शांति के नियमों से खुद को बाहर निकालने का समय है ताकि निश्चित रूप से इस क्षेत्र से इस्लाम-फासीवाद का सफाया हो सके।”