नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए अध्यादेश लेकर आई। इस अध्यादेश के जरिए केंद्र ने ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए हैं। बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार के अफसरों की नियुक्ति और तबादले का अधिकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार के पास है। इस अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन करेगी। जो दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस के काम पर नजर रखेगी। इस अध्यादेश के अनुसार राजधानी में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए अथॉरिटी बनाई गई है। इसमें मुख्यमंत्री केजरीवाल, दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रमुख गृह सचिव होंगे। अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग में अगर कोई विवाद होता है तो आखिरी फैसला दिल्ली के उपराज्यपाल का मान्य होगा।
I welcome the Govt of India’s decision of bringing out an ordinance to constitute ‘National Capital Civil Services Authority’ in Delhi. This comprises of Delhi CM, Chief Secy & Home Secy of Delhi Govt. They will now decide on the transfer and posting of Group ‘A’ officers and… pic.twitter.com/mqLayluq0A
— Manjinder Singh Sirsa (मोदी का परिवार) (@mssirsa) May 19, 2023
इसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले ही अंदेशा जताया था। उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुनने में आ रहा है कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खत्म करने के लिए आर्डिनेंस ला रही है। मैं उम्मीद करता हूं कि उसमें कोई सत्यता ना हो। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार ऐसा करती है तो यह देश व दिल्लीवालों के साथ धोखा होगा। सभी को सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक फैसले का सम्मान करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्पष्ट है कि एलजी सरकार के फैसले को मानने के लिए बाध्य है।
गौरतलब है कि बीते हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दिल्ली सरकार को अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार को दे दिया था। कोर्ट ने इस दौरान फैसला सुनाते हुए कहा था कि लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों को छोड़कर अन्य सेवाओं के संबंध में दिल्ली सरकार के पास विधायी और शासकीय शक्तियां हैं। लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों पर अधिकार केंद्र सरकार के पास है।