नई दिल्ली। अपडेट किए गए फास्टैग नियम 1 अगस्त से प्रभावी होंगे, जिनका ध्यान टोल भुगतान प्रक्रियाओं में सुधार और टोल बूथों पर भीड़भाड़ को कम करने पर होगा। नए फास्टैग नियमों के तहत, अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) 31 अक्टूबर तक पूरा करना होगा। फास्टैग सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों को इस समय सीमा तक तीन से पांच साल पहले जारी किए गए सभी फास्टैग के लिए केवाईसी पूरा करना आवश्यक है।
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नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें सबसे अहम अपडेट FASTag KYC की अनिवार्यता है। KYC प्रक्रिया 1 अगस्त से शुरू होगी और FASTag ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि NPCI दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए इस अवधि के भीतर उनका KYC अपडेट हो जाए।
आइए विस्तार से जानें नए नियम… ये हैं 7 नए नियम
- 5 साल पुराने फास्टैग को बदलना: 5 साल से अधिक पुराने फास्टैग को बदलना होगा।
- 3 साल पुराने फास्टैग के लिए केवाईसी अपडेट: 3 साल पहले जारी किए गए फास्टैग के लिए केवाईसी अपडेट होना चाहिए।
- वाहन डिटेल लिंक करना: वाहन पंजीकरण संख्या और चेसिस नंबर को फास्टैग के साथ लिंक किया जाना चाहिए।
- नया वाहन रजिस्ट्रेशन अपडेट: नया वाहन खरीदने के 90 दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन संख्या अपडेट करें।
- डाटाबेस वेरिफिकेशन: फास्टैग प्रदाताओं को अपने डेटाबेस का वेरिफिकेशन करना होगा।
- फोटो अपलोड जरूरी: कार के सामने और साइड की स्पष्ट तस्वीरें अपलोड करें।
- मोबाइल नंबर लिंक करना: फास्टैग को मोबाइल नंबर से लिंक करना अनिवार्य है।
फास्टैग सर्विस पर बैंक ले सकते हैं यह शुल्क
- स्टेंटमेंट – 25 रुपये प्रति एक
- फास्टैग बंद करना – 100 रुपये
- टैग मैनेजमेंट – 25 रुपये/तिमाही
- निगेटिव बैलेंस – 25 रुपये/तिमाही
तीन महीने तक फास्टैग से ट्रांजैक्शन नहीं तो होगा बंद
इसके अलावा, 1 अगस्त से कंपनियों को एनपीसीआई के आदेशों का पालन करना होगा, जिसमें तीन से पांच साल पुराने फास्टैग के लिए केवाईसी अपडेट करना और 31 अक्टूबर तक पांच साल से पुराने फास्टैग को बदलना शामिल है। वाहन मालिकों को भी 31 अक्टूबर, 2024 तक अपना केवाईसी पूरा करना आवश्यक है।