धर्म डेस्क(Bns)। प्रख्यात पंडित प्रदीप मिश्रा जी शिव पुराण की कथा सुनाते हैं और उसी में से या कथा के दौरान वे जीवन को सुखी बनाने संबंधी उपाय भी बताते हैं। आए दिन जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते रहते है। इनसे बचने के लिए हम धार्मिक उपाय का सहारा लेते है। सावन मास चल रहा है अगर इस मास में कुछ उपाय शिव पुराण के अनुसार करें तो वे पूरी होते है, इन उपायों से आप हर काम की बाधा दूर कर सकते हैं।
अगर आपको इस बारे में नही पता है तो आप पंडित प्रदीप मिश्रा जी की कथाओँ में बताए उपाय को कर सकते है। वे अपनी कथाओं के दौरान शिव पुराण के छोटे छोटे उपाय भी बताते हैं जिससे जीवन के संकट दूर होकर सुख, शांति और समृद्धि आए।जानते है वे उपाय जो आपके जीवन की दिशा और दशा में सकारात्मक बदलाव ला सकते है।
पंडित प्रदीप मिश्रा जी कहते हैं, यदि कोई काम नहीं बन रहा है। हर दिन परेशानी बढ़ रही है। सावन माह में हर दिन या जिस दिन सोमवार और अष्टमी हो तो उस दिन 31 मूंग के दाने, 31 चावल के दाने और 31 बेलपत्र लेकर शिव मंदिर जाएं। अपनी मनोकामना बोलकर चावल को शिवजी के मंदिर की दहलीज पर रख दो। ऐसा रखो कि किसी का पैर नहीं लगे।
मूंग के दाने को नंदी भगवान के उस पैर के पास रखो जो उनका पैर ऊंचा रहता है। 31 बेलपत्र जलाधारी में जहां से जल निकता है उससे अशोक सुंदरी का स्थान कहते हैं। वहां पर उन बेलपत्रों को रख दो। अगली सोमवार की अष्टमी तक आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी।
अगर किसी के जीवन में कर्ज की अधिकता है या मंगलवार और बुधवार को कर्ज नही लेने चाहिए। ऋण से मुक्ति पाने के लिए मंगलवार को भगवान शिव को मसूर की दाल चढ़ाते हुए ॐ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे कर्ज से मुक्ति मिल जाती है।
समस्याओं से मुक्ति के लिए प्रदोष के दिन प्रदोष काल में 2 जगहों पर दीपक लगाना प्रारंभ कर दें। पहला दीया बेलपत्री के वृक्ष के नीचे और दूसरे दीया अपने दरवाजे की चौखट के बाहर उस ओर जब हम घर में प्रवेश करें तो राइट हैंड पर लगाएं। दोनों ही जगह शिवजी से प्रार्थना करें कि हे नंदीश्वर आप जब भी प्रदोष काल में भ्रमण पर निकलें तो मैंने भी आपके लिए द्वार सजाया है। थोड़ी दया मेरे घर की चौखट पर भी कर देना।
किसी भी सोमवार, अष्टमी और शिवरात्रि पर गंभीर बीमारी से मुक्ति पाने के लिए शमी के फूल को नीलकंठेश्वर महादेव का नाम लेकर शिवलिंग पर अर्पित कर दें। इसके अलावा गाय का घी अर्पित कर दें। पांच कमलगट्टे और पांच बेलपत्र तांबे के लोटे में जलभरकर रख लें। सीधे हाथ में उस लोटे को रखो।
*श्री शिवाय नमस्तुभ्यं* इस मंत्र का पांच बार स्मरण करके लोटे को माथे से लगाकर अपनी तकलीफ को मन में रखकर इस लौटे को अपने गांव, नगर आदि से दूर एकांत में जहां पर शिव मंदिर हो या किसी वृक्ष के नीचे शिवलिंग हो वहां पर उस शिवलिंग पर यह जल कमलगट्टे और बेलपत्र सहित अर्पित कर दें। उसमें से एक कमलगट्टे और बेलपत्र को उठाकर अपने घर पर लेकर आ जाओ और उसे पूजा घर में रखकर शिवजी का स्मरण करो।
शुक्रवार के दिन एक तांबे के लोटे में जल भरें। एक आंकड़े का फूल लें। दोनों को लेकर शिव मंदिर में जाएं और शिवलिंग पर सबसे पहले तांबे के लोटे का जल अर्पित करें। जल अर्पित करते समय श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जप करें। इसके बाद आंकड़े के फूल को जलाधारी में अशोक सुंदरी वाले स्थान पर अर्पित कर देना हैं। इसके अलावा यही प्रयोग एक शमी का पत्ता लेकर भी कर सकते है। शमी के पत्ते को पहले शिवलिंग के पास अर्पित करें और फिर उसी पत्ते को उठाकर शिवलिंग के उपर श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र बोलते हुए अर्पित कर दें।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का पूजन करें तो। शमी वृक्ष के पत्तों तथा चमेली के फूल से शिव जी का पूजन करने पर अपार धन-संपदा का आशीष मिलता है। घर से दरिद्रता दूर भाग जाती है। महाशिवरात्रि पर सायंकाल के समय शिव मंदिर में दीया जलाने से धन संबंधी समस्याएं दूर होकर अपार धन-संपत्ति तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं।
श्री मिश्रा जी शिव पुराण की कथा में कहते हैं कि ‘एक लोटा जल सभी समस्या का हल’ यानी एक लोटा जल भगवान शिव को चढ़ाने से मनुष्य की सारी समस्याओं का निराकरण हो जाता है। शिवजी को जल अर्पित करते वक्त बिल्वपत्र पर शहद लगाकर चढ़ाना, आंकड़े का फूल चढ़ाना और चंदन अर्पित करना बहुत ही शुभ होता है।
स्रोत : सोशल मीडिया / न्यूज़ ट्रेक
|| श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ||