नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों – मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की। इसके साथ ही पांचों राज्यों में आचार संहिता लागू हो गया। मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में एक चरण में चुनाव होंगे। वहीं, छत्तीसगढ़ में दो चरण में वोट डाले जाएंगे। वहीं, पांचों राज्यों के नतीजे 3 दिसंबर को एक साथ आएंगे। मिजोरम में 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। छत्तीसगढ़ में पहला चरण 7 नवंबर को और दूसरा 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर, राजस्थान में 23 नवंबर और तेलंगाना में 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे।
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— Election Commission of India (@ECISVEEP) October 9, 2023
सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि इन पांच राज्यों में चुनाव एक अद्वितीय महत्व रखते हैं क्योंकि ये 2024 में राष्ट्रीय चुनावों के भव्य चरण से पहले अंतिम विधानसभा चुनाव हैं। कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए लगभग सभी राज्य-विशिष्ट मुद्दों का जवाब दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ने घोषणा की है कि पांचों राज्यों में कुल 8.2 करोड़ पुरुष मतदाता और 7.8 करोड़ महिला मतदाता हैं। राजीव कुमार ने आगामी राज्य चुनावों में मतदाताओं की कुल संख्या का खुलासा किया है। मिजोरम में 8.52 लाख, छत्तीसगढ़ में 2.03 करोड़, मध्य प्रदेश में 5.6 करोड़, राजस्थान में 5.25 करोड़ और तेलंगाना में 3.17 करोड़ मतदाता हैं।
विधानसभाओं के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान #AssemblyElections2023
पांच राज्यों की विधानसभाओं के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान करने से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त… pic.twitter.com/CoS5R6uQej— ऑनलाइन भारत न्यूज़ 🇮🇳 #मीडिया-Youtube Channel (@WebBharat) October 9, 2023
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ने आगामी चुनावों के दौरान स्वस्थ और सटीक मतदाता सूची बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पांच राज्यों की विधानसभाओं के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले कहा कि उन्होंने 40 दिनों के भीतर सभी पांच राज्यों का दौरा किया और राजनीतिक दलों के साथ-साथ केंद्रीय और राज्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ चर्चा की। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने खुलासा किया कि चुनाव के लिए निर्धारित पांच राज्यों में लगभग 60 लाख मतदाता पहली बार मतदाता हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मार्गदर्शन में चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की समावेशिता को प्राथमिकता दी है और विशेष रूप से मतदाता पंजीकरण से वास्तविक मतदान तक निर्बाध परिवर्तन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।