नई दिल्ली। देश की पहली सौर वेधशाला ‘आदित्य-एल1’ अपने गंतव्य तक पहुंच गई है। 110 दिनों की यात्रा, 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करने और बाद में एक सटीक कक्षा में प्रवेश के बाद, आदित्य-एल1 मिशन को अंतरिक्ष की विशालता में एक इष्टतम स्थान पर सफलतापूर्वक पार्क किया गया है, जहां से उसे सूर्य का अबाधित दृश्य दिखाई देगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने खबर साझा की और कहा कि भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की है। भारत की पहली सौर वेधशाला, आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंच गई है। इसको लेकर उन्होंने एक एक्स पोस्ट लिखा।
Greetings from Aditya-L1!
I've safely arrived at Lagrange Point L1, 1.5 million km from my home planet. 🌍Excited to be far away, yet intimately connected to unravel the solar mysteries #ISRO pic.twitter.com/BCudJgTmMN
— ISRO ADITYA-L1 (@ISRO_ADITYAL1) January 6, 2024
AdityaL1 Mission:
Halo-Orbit Insertion of Aditya-L1 Successfully Accomplished
Read more: https://t.co/7QtH9AxKUD#isro #AdityaL1Mission pic.twitter.com/ekYKsdMWxK
— ISRO ADITYA-L1 (@ISRO_ADITYAL1) January 6, 2024
#AdityaL1 will Study the Sun Corona, flares, Sun Storm & many other things
With this India become 1st in Asia & 4th in World to do so! 🇮🇳#AdityaL1Mission pic.twitter.com/FrIwYw19AJ
— Aditya-L1 Mission (@L1MissionAditya) January 6, 2024
अपने पोस्ट में लिखा कि भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की। भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंची। यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ शामिल हूं। हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ट्वीट किया कि भारत के लिए यह साल कितना शानदार रहा। पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, टीम इसरो द्वारा लिखी गई एक और सफलता की कहानी। सूर्य-पृथ्वी कनेक्शन के रहस्यों की खोज के लिए आदित्य एल1 अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच गया है।
Another grand feat accomplished by ISRO! As part of India’s maiden solar mission, Aditya L1, the observatory has been placed in the final orbit and reached its destination at Lagrange Point 1. Congratulations to the entire Indian scientist community for the great achievement!…
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 6, 2024
India creates yet another landmark. India’s first solar observatory Aditya-L1 reaches it’s destination. It is a testament to the relentless dedication of our scientists in realising among the most complex and intricate space missions. I join the nation in applauding this…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 6, 2024
प्रभामंडल कक्षा, एल 1 , एल 2 या एल 3 ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ में से एक के पास एक आवधिक, त्रि-आयामी कक्षा है। इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी57) ने दो सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के दूसरे प्रक्षेपण केंद्र से आदित्य-एल1 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था। पीएसएलवी ने 63 मिनट और 20 सेकंड की उड़ान के बाद उसने पृथ्वी की आसपास की अंडाकार कक्षा में आदित्य-एल1 को स्थापित किया था। ‘आदित्य एल1’ को सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘एल1’ (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर वायु का वास्तविक अवलोकन करने के लिए डिजाइन किया गया है।
ये है मिशन का मकसद?
भारत के इस मिशन आदित्य एल1 का मकसद सूर्य का विस्तार से स्टडी करना है। मिशन में अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की बाहरी परत पर रिसर्च होगी। इससे भारतीय वैज्ञानिकों को सूर्य के रहस्यों को सुलझाने को में सफलता मिल सकती है। सोशल मीडिया पर इस मिशन को लेकर काफी चर्चा हो रही है।