कोलकाता। पश्चिम बंगाल का सियासी घमासान जारी है। इन सब के बीच नंदीग्राम से ममता को टक्कर दे रहे शुभेंदु अधिकारी ने एक बड़़ा आरोप लगाया है। शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि ममता ने खुद पर दर्ज केस का जिक्र चुनावी हलफनामे में नहीं किया है। चुनावी हलफनामे में अपने पर दर्ज केस का जिक्र ममता ने नहीं किया है इस शिकायत के साथ चुनाव आयोग में इसकी शिकायत की है। ममता बनर्जी के नामांकन पत्र में उन्होंने तमाम जानकारियां साझा की हैं। इंडियन रिप्रेंटेशन एक्ट के तहत सारी जानकारी जो चुनाव आयोग द्वारा मांगी जाती है वो चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को देनी होती है। जिसमें उम्मीदवार के खिलाफ दर्ज मुकदमों का भी जिक्र करना होता है। जिसपर शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाए हैं कि ममता बनर्जी ने तमाम आरोप छुपाए हैं।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मैंने चुनाव आयोग से (उनका नामांकन पत्र खारिज करने) अपील की है। मुझे उम्मीद है कि आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। मैं इंतजार करूंगा और देखूंगा कि वे क्या कार्रवाई करते हैं। कार्रवाई अवश्य ही कानून के अनुसार होनी चाहिये।’’ चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। तृणमूल कांग्रेस ने इसपर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने मार्च 2018 में एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि निर्वाचन अधिकारी संपत्ति या आपराधिक पृष्ठभूमि से संबंधित सूचना का खुलासा नहीं करने पर किसी उम्मीदवार का नामांकन पत्र खारिज कर सकते हैं। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि अपने उम्मीदवारों के बारे में जानना मतदाताओं का मौलिक अधिकार है और नामांकन पत्र में कॉलम को रिक्त छोड़ना उनके इस अधिकार का हनन है।