एक बार फिर मुसीबत में फंसा गूगल, ‘इनकॉग्निटो मोड’ में यूजर्स की जानकारी इकट्ठा करने का लगा आरोप, लग सकता है 5 बिलियन डॉलर का जुर्माना

टेक। अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल अपने यूजर्स की गुप्त रूप से निगरानी करने लिए एक बार फिर चर्चा में है। इसको लेकर कंपनी पर 5 बिलियन यूएस डॉलर यानी 36370 करोड़ का जुर्माना लग सकता है। इसको लेकर एक अमेरिकी यूजर ने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसकी अमेरिका की एक अदालत में सुनवाई हुई।

यूजर ने अपनी शिकायत में कहा था कि उपयोगकर्ताओं द्वारा क्रोम ब्राउजर पर प्राइवेट ‘इनकॉग्निटो’ मोड का उपयोग करने के दौरान भी गूगल उन्हें ट्रैक करता है और उनका डाटा इकट्ठा करता है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए कैलिफोर्निया राज्य के जिला न्यायाधीश लुसी कोह ने कहा कि गूगल ने यूजर्स से यह जानकारी छुपाई है कि वह प्राइवेट ब्राउजिंग ‘इनकॉग्निटो मोड’ में भी यूजर्स का डाटा इकट्ठा करता है।

इसी बीच गूगल के एक प्रवक्ता ने एक समाचार वेबसाइट से कहा कि, ‘कंपनी को मुकदमे के दावों पर आपत्ति है और हम इसके खिलाफ सख्ती से अपना बचाव करेंगे।’ उन्होंने कहा कि गूगल का गुप्त मोड ‘इनकॉग्निटो’ यूजर्स को डिवाइस या ब्राउजर पर उनकी गतिविधियों को सहेजे बिना इंटरनेट ब्राउज करने का विकल्प देता है। उन्होंने कहा, ‘हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब आप हर बार नया इनकॉग्निटो टैब खोलते हैं तो आपके सत्र के दौरान वेबसाइट्स आपकी ब्राउजिंग गतिविधि की जानकारी एकत्र कर सकती हैं।’

गौरतलब है कि पिछले साल जून के महीने में अमेरिका के एक यूजर ने गूगल पर इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा था कि गूगल का डाटा ट्रैकिंग का व्यापक बिजनेस है। शिकायत में आगे कहा गया था कि यूजर द्वारा अपनी गतिविधि गुप्त रखने के लिए प्राइवेट इनकॉग्निटो मोड का इस्तेमाल करने पर भी कंपनी उनका डाटा इकट्ठा कर सकती है।

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