नई दिल्ली। राज्य सरकारों को OBC आरक्षण के लिए जातियों की सूची तैयार करने का अधिकार देने वाले बिल पर लोकसभा ने मुहर लगा दी है। लोकसभा ने इस विधेयक को 386 मतों से पारित किया है, वहीं इसके खिलाफ कोई मतदान नहीं पड़ा। संविधान में 127वें संशोधन के लिए लाए गए विधेयक के तहत राज्यों को अपने मुताबिक ओबीसी आरक्षण के लिए सूची तैयार करने की ताकत मिलेगी।
अब इस बिल को राज्यसभा में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। उसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह देश भर में कानून के तौर पर लागू हो जाएगा। इस नए कानून से महाराष्ट्र समेत कई राज्यों को स्थानीय स्तर पर जातियों को ओबीसी आरक्षण की सूची में शामिल करने का मौका मिलेगा। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से मराठा आरक्षण पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद यह फैसला लिया गया है।
लोकसभा से पारित हुआ संविधान (127वां संशोधन) बिल, 2021; क़ानून बनने पर पिछड़े वर्गों की अपनी सूची तैयार कर सकेंगे राज्य#LokSabha #MonsoonSession pic.twitter.com/R8Zhcwcz2D
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) August 10, 2021
इस बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस समेत कई दलों ने केंद्र सरकार से जाति आधारित जनगणना कराए जाने की भी मांग की है। इसके अलावा आरक्षण की सीमा को भी 50 फीसदी से ज्यादा किए जाने की मांग की है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं ने यह मांग की है। अखिलेश यादव ने कहा कि यह समय की मांग है कि जाति आधारित जनगणना कराई जाए। यदि ऐसा आप नहीं कराते हैं तो फिर यूपी में समाजवादी सरकार बनाने के बाद हम ऐसा करेंगे।