छत्तीसगढ़ की जीडीपी को आगामी 5 वर्षों में दोगुना किया जाना प्रमुख लक्ष्यः वित्त मंत्री ओपी चौधरी

रायपुर। वित्त मंत्री ओपी चौधरी एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन आज नया रायपुर में स्टार्टअप कंपनियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी विभाग द्वारा आयोजित नीति से प्रगति परिचर्चा में शामिल हुए। परिचर्चा को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा की पीएम नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में विकसित भारत की तर्ज पर विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा की आज का युग नवाचार और ज्ञान का है जिसमे किसी के पास बेहतर आइडिया है तो उसे आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता है।

श्री चौधरी ने कहा की पीएम श्री मोदी द्वारा जय अनुसंधान का नारा महज एक नारा नही है बल्कि एक सोच है और एक विचार है जिसे हम सभी को मिल कर आगे ले जाना है। इसी का परिणाम है की नवाचार और स्टार्टअप के लिए बजट में 1 लाख करोड़ रुपए का 50 साल के लिए ब्याज मुक्त ऋण का प्रावधान किया गया है। श्री चौधरी ने कहा की छत्तीसगढ़ शासन ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नवा रायपुर में अगले एक वर्ष में 6 हजार आईटी प्रोफेशनल को स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा की अगले पांच साल में नवा रायपुर आईटी, बिजनेस कांफ्रेंस और वेडिंग सेंटर के हब के रूप में उभरेगा।

परिचर्चा को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि एक छोटा सा भी उद्योग स्थापित होता है कि कई लोगों को रोजगार मिलता है। श्री देवांगन ने कहा कि नई औद्योगिक नीति को लेकर सरकार काम कर रही है और इस नीति में स्टार्टअप्स के साथ ही ज्यादा से ज्यादा उद्योगों के लाभ के लिए नीतियों पर काम चल रहा है। श्री देवांगन ने कहा कि जो उद्योग स्थापित हैं वो और कैसे बेहतर काम कर सकते हैं इस पर भी गंभीरता से काम किया जा रहा है। श्री देवांगन ने कहा कि प्रदेश में स्टार्टअप्स और उद्योगों को ज्यादा सहूलियत मिले इसके लिए नई औद्योगिक नीति में ज्यादा से ज्यादा लोगों की सलाह ली जाएगी।

इस अवसर पर इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव अब्दुक कैशर हक, नया रायपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौरभ कुमार, वाणिज्य कर (जी.एस.टी.) के आयुक्त रजत बंसल, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रितेश कुमार अग्रवाल, आई. आई. एम. के डायरेक्टर डॉ. राम ककानी, शिक्षाविद जवाहर सुरीसेठी आदि अनेक वरिष्ट प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

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