UNSC सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को खानी पड़ी मुंह की, भारत को मिला रूस और फ्रांस का साथ

नई दिल्ली। UNSC संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। कश्मीर मुद्दे पर भारत के पक्ष में रूस और फ्रांस जैसे देश मुखरता से खड़े हुए है। कूटनीतिक जानकारों का कहना है कि चीन को छोड़कर ज्यादातर देशों ने भारत के रुख को समझा है। कूटनीतिक जानकारों का कहना है कि पूरे मामले में चीन का रुख अहम है लेकिन वह एक सीमा से आगे बढ़ा तो उसे भी कई मोरचों पर घिरना पड़ सकता हैं।

जानकार मानते हैं कि भारत को चीन से भी सजग रहना होगा। क्योंकि संयुक्त राष्ट्र में चीन अकेला देश है जिसने वास्तविकताओं को दरकिनार कर भारत के रुख का विरोध किया। जानकार पुराने दोस्त रूस के मुखर समर्थन को भी अहम मान रहे हैं। जानकार मानते हैं कि अगर बंद कमरे में अनौपचारिक चर्चा के बाद किसी तरह का प्रस्ताव लाने का प्रयास किया जाता है तो भारत के पक्ष में रूस, फ्रांस जैसे देशों का रुख प्रस्ताव लाने वाले देशों पर उलटा पड़ेगा।

कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन और पाकिस्तान को मिली शिकस्त के बाद भारत ने सीधे शब्दों में कहा कि आर्टिकल 370 भारत का आंतरिक मामला है और किसी को भी इसमें दखल देने की जरूरत नहीं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान एक बार फिर पिटा। सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को हुई क्लोज डोर (अनौपचारिक) बैठक में पाकिस्तान को केवल चीन का साथ मिला। सूत्रों के मुताबिक, भारत के पक्ष में रूस और फ्रांस जैसे देश मुखरता से खड़े दिखे। भारत ने बयान जारी कर कहा कि कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना हमारा आंतरिक मामला है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत अकबरुद्दीन ने बैठक के बाद कहा कि कश्मीर पर लिए गए फैसले से बाहरी लोगों को कोई मतलब नहीं। पाकिस्तान जेहाद के नाम पर भारत में हिंसा फैला रहा है। हम अपनी नीति पर हमेशा की तरह कायम हैं। भारत का पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि भारत-पाक के सभी मसले बातचीत से सुलझाए जाएंगे। हिंसा किसी भी मसले का हल नहीं है। उन्होंने दो टूक कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद फैलाना बंद करना होगा।

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