न्यूज़ डेस्क। पाकिस्तान में एक नाबालिग हिंदू लड़की को इ्स्लामी कट्टरपंथियों ने किडनैप कर 4 दिन तक उसके साथ गैंगरेप किया। जब बच्ची का रेप किया जा रहा था, तो वो कलमा पढ़ रही थी – यह रेप करने वालों ने बताया है। बलात्कारियों का कहना है कि वो कलमा पढ़ चुकी है, इसलिए उसे अब काफिरों (अपने हिंदू माँ-पिता) के पास लौटने का कोई अधिकार नहीं है। रेप पीड़िता बच्ची को इन्हें ही सौंप दिया जाए। घटना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कोट गुलाम मुहम्मद की है।
सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें रेप पीड़िता ने आरोप लगाया है कि मोहम्मद तनवीर और उसके साथियों ने उसका अपहरण कर चार दिनों तक उसके साथ गैंगरेप किया। जिहाद वाच की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने न तो कोई केस दर्ज किया है और न ही आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है।
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हालात ये है कि आरोपित पूरी तरह से आजाद घूम रहे हैं और उन्होंने पीड़ित हिंदू लड़की लीलन कोहली को उन्हें दोबारा से सौंपने की माँग की है। आरोपितों का दावा है कि गैंगरेप के दौरान लड़की कलमा पढ़ रही थी, जिससे अब वो धर्मान्तरित होकर मुस्लिम बन गई है। ऐसे में अब वह अपने “काफिर” परिवार के साथ वापस नहीं लौट सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, नाबालिग के साथ बलात्कार करते समय एक आरोपित ने सोचा कि क्यों न उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाय। इसके बाद उसने नाबालिग हिंदू लड़की का रेप करते हुए उसे कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया। जब कोई इस्लाम अपनाता है तो उसे कलमा ही पढ़ाया जाता है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और बहुसंख्यक इस्लामी पुरुष आए दिन हिंदू महिलाओं का अपहरण कर उनका रेप और हत्या करते हैं।
Pakistan: Muslim Rapist Demands Custody of Hindu Minor Who ‘Converted to Islam’ During Rape https://t.co/f1T7XpvT8b pic.twitter.com/rkuEMoJ2hx
— Robert Spencer (@jihadwatchRS) May 8, 2021
जिहाद वाच की रिपोर्ट में इस बात पर संदेह जताया गया है कि पाकिस्तान की सरकार किसी भी रूप में पीड़ित हिंदू नाबालिग लड़की की सहायता करेगी। संभावना केवल इस बात की है कि अपराध की जाँच करते समय पाकिस्तानी अधिकारी लड़की को रिहैबिलिटेशन सेंटर में डाल देंगे, लेकिन वहाँ और खराब हालात होंगे। क्योंकि वहाँ कथित तौर पर पीड़ित को उसके परिवार से मिलने नहीं दिया जाता और उसे आगे भी गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जाती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में बहुसंख्यक मुसलमान जब भी किसी अल्पसंख्यक लड़की के साथ छेड़छाड़ या बलात्कार करते हैं तो ऐसी स्थिति में उसे इंसाफ मिलना मुश्किल होता है। कभी-कभार ही अल्पसंख्यक पीड़ितों का पाकिस्तान में इंसाफ मिल पाता है।