वाशिंगटन। कोरोना वायरस संक्रमण का शिकार हो चुके पुरूष मरीजों की प्रजनन क्षमता पर कोरोना वायरस खतरनाक असर डालता है। कोरोना वायरस मेल स्पर्म में प्रजनन क्षमता को खत्म करने या उसे खराब करने की ताकत रखता है। CNN में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इसका खुलासा तब हुआ जब कोरोना वायरस पर रिसर्च करते वक्त वैज्ञानिकों को नये और पुख्ता सबूत हाथ लग गये।
जर्नल ‘रिप्रोडक्शन’ में कोरोना वायरस पर नई स्टडी के दौरान मिले सबूतों के आधार पर दावा किया गया है कि ‘स्टडी के दौरान में इस बात के प्रत्यक्ष सबूत मिले हैं कि कोरोना वायरस पुरूषों के वीर्य की गुणवत्ता और उसकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है’। हालांकि, शोध में शामिल वैज्ञानिक अभी भी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की चेतावनी जरूर जारी कर दी है।
इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ शेफिल्ड के एंड्रोपोलॉजी के प्रोफेसर एलन पेसी ने इस रिसर्च के बाद कहा है कि, ‘हमें अभी इस रिसर्च को और गहनता से अध्ययन करने की जरूरत है, लेकिन हां, पहली नजर में ऐसा जरूर लगता है कि कोरोना वायरस पुरूषों की प्रजनन क्षमता पर विपरीत असर डाल रहा है’। वहीं, लंदन के इंपीरियल कॉलेज के रिप्रोडक्सन ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी एंड एंड्रोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. चेन्ना जयासेना बताते हैं कि ‘सामान्य सर्दी बुखार या किसी बीमारी के दौरान पुरूषों की प्रजनन क्षमता या उनके स्पर्म काउंट काफी ज्यादा गिर जाते हैं। कई बार स्पर्म काउंट शून्य तक पहुंच जाता है, ऐसे में देखना जरूरी है कि इस रिसर्च में कोरोना वायरस से संक्रमित किन मरीजों को शामिल किया गया है और कितने मरीजों पर कितने दिनों तक ये रिसर्च चला है’
मेडिकल जर्नल ‘रिप्रोडक्शन’ ने अपनी रिसर्च के दौरान 105 स्वस्थ लोगों और 84 कोरोना संक्रमित मरीजों के स्पर्म को लेकर स्टडी की थी। 10-10 दिनों के अंतराल पर यह स्टडी 2 महीनों तक की गई है। स्टडी में वैज्ञानिकों को पता चला कि स्वस्थ लोगों के स्पर्म पूरी तरह से सही हैं, जबकि कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के स्पर्म में सूजन आ रहे हैं, उसकी क्वालिटी खराब हो चुकी है साथ ही स्पर्म का आकार भी खराब हो चुका है। स्पर्म की खराब होने की क्षमता इस पर भी निर्भर कर रहा था कि कोई मरीज कोरोना संक्रमित होने के बाद कितना ज्यादा बीमार पड़ा है। रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों को पता चला है कि कोरोना वायरस से संक्रमित कम बीमार लोगों के स्पर्म की क्वालिटी वक्त के साथ सही होती गई है। लेकिन, जो मरीज ज्यादा बीमार पड़े हैं, उनके शुक्राणु की गुणवत्ता काफी खराब हो चुकी है, जिससे प्रजनन शक्ति काफी कमजोर हो जाएगी।
इस रिसर्च के दौरान यह भी कहा गया है कि जिन मरीजों ने कोरोना वायरस संक्रमण के बाद योगा करना शुरू किया है उनके स्पर्म की क्वालिटी में धीरे धीरे सुधार होना शुरू हुआ है। लिहाजा, वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को योगा करने की सलाह ही दी है। इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से गुजर चुके लोग अपनी खान-पान पर खास ध्यान दें। फल और हरी सब्जियों का ज्यादा इस्तेमाल करें। और कम से कम आधा घंटा योगा जरूर करें। क्योंकि योगा करने से स्पर्म की क्वालिटी में सुधार दर्ज किया गया है।