हेल्सिंकी। खाने के खर्च को लेकर हुए बवाल के बीच फिनलैंड की पीएम सना मरीन ने मंगलवार को कहा है कि वो सरकारी खजाने को पूरा पैसा वापस कर देंगी, जितना उन्होंने खाना खाया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं एक ईमानदार देश की ईमानदार प्रधानमंत्री की। जिन्होंने सरकारी खजाने का कुछ हजार रुपये अपने नास्ते और खाने पर खर्च कर दिए, जिसके बाद उनके खिलाफ पुलिस और इनकम टैक्स विभाग ने जांच शुरू कर दी, जिसके बाद उन्होंने सरकारी खजाने को पूरा वैसा लौटाने की बात की है।
फिनलैंड की 35 साल की प्रधानमंत्री सना मरीन को लेकर इन दिनों फिनलैंड में विवाद चल रहा है और उनके खिलाफ पुलिस और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि सना मरीन ने पिछले एक महीने में जो नाश्ता और खाना खाया है, उसका बिल उन्होंने सरकारी खर्च से भर दिया। भारत जैसे देशों में कोई कोई सरकारी अधिकारी या नेता सरकारी खजाने को किस किस तरीके से चूना लगाते हैं, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। फिनलैंड की पीएम ने महीने भर जो खाना खाया था, उसका बिल उन्होंने रिइंबर्समेंट ले लिया। यानि, उसका बिल उन्होंने सरकार के पास जमा दिया और खाने का खर्च उनके अकाउंट में आ गया। रिपोर्ट के मुताबिक फिनलैंड की पीएम ने करीब 17 हजार डॉलर का बिल भेजा था। जिसके बाद लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया कि प्रधानमंत्री सना मरीने ने सरकारी पैसे का ना सिर्फ गलत इस्तेमाल किया है बल्कि उन्होंने आम टैक्सपेयर्स के पैसे को निजी खर्च में इस्तेमाल किया है।
विवाद बढ़ने पर फिनलैंड की पुलिस और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने प्रधानमंत्री सना मरीन के खिलाफ जांच शुरू कर दी। वहीं, मंगलवार को बयान देते हुए फिनलैंड की पीएम सना मरीन ने कहा कि वो अब कभी भी सरकारी पैसे को अपने निजी खर्च के लिए इस्तेमाल नहीं करेंगी और उन्होंने जो पैसे लिए हैं, उसे वो वापस लौटा देंगी। सना मरीने ने ट्विटर पर कहा कि ‘चूंकि मेरे खाने के खर्च पर सवाल उठ रहे हैं लिहाजा मैंने तय किया है कि सारे पैसे मैं वापस लौटा दूंगी’। वहीं, एक चैनल को बयान देते हुए सना मरीन ने कहा कि ‘मैं भविष्य में भी अपने खाने का बिल क्लेम नहीं करूंगी, भले ही क्यों ना वो सरकार की तरफ से एक प्रधानमंत्री को दिया जाता हो।’ उन्होंने कहा कि ‘मेरे पास दूसरे भी कई काम हैं और मैं नहीं चाहूंगी कि खाने के बिल को लेकर कोई विवाद हो, लिहाजा मैंने पूरे पैसा लौटा दूंगी।’
देखने में बेहद खूबसूरत फिनलैंड की पीएम सना मेरिन अपने संघर्ष, काबिलियत और मिलनसार स्वभाग के लिए जानी जाती हैं। और यही वजह है कि सिर्फ 33 साल की उम्र में वो देश की प्रधानमंत्री बन गईं। किसी भी देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचना किसी भी नेता के लिए आसान नहीं होता है और सना मेरिन के लिए भी फिनलैंड का प्रधानमंत्री बनना आसान नहीं था। फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मेरिन की उम्र सिर्फ 35 साल है और उन्होंने सबसे कम उम्र में प्रधानमंत्री बनकर फिनलैंड के लिए एक रिकॉर्ड कायम किया है।
सना मेरिन ने बतौर प्रधानमंत्री अक्टूबर 2020 में ट्रेंडी मैग्जीन के लिए फोटो शूट करवाया था, जिसने उस वक्त पूरी दुनिया में काफी सुर्खियां बटोरी थीं। कई लोगों ने प्रधानमंत्री के फोटोशूट की काफी आलोचना भी थीं लेकिन सना मेरिन इससे विचलित नहीं हुईं और उनकी इन्हीं सख्त व्यवहार की वजह से बीबीसी ने 2020 में विश्व की 100 सबसे ज्यादा प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में उन्हें शामिल किया था। सिर्फ बीबीसी ही नहीं, बल्कि फोर्ब्स पत्रिका ने भी सना मेरिन को प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में जगह दी थी। सना मेरिन टाइम मैग्जीन के कवर पेज पर भी आ चुकी हैं।
फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन शुद्ध शाकाहारी हैं और नॉनवेज बिल्कुल नहीं खाती हैं। इस बात को भी बेहद कम लोग जानते हैं कि सना मरीन अपने परिवार की पहली सदस्य हैं जिन्होंने किसी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की हो। संघर्ष की बदौलत ही वो फिनलैंड के सर्वोच्च पद तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की। प्रधानमंत्री सना मरीन का जन्म 16 नवंबर 1985 को हेलंस्की में हुआ था। सना जब बेहद कम उम्र की थीं, तभी उनके माता-पिता अलग हो गये थे। दोनों ने तलाक ले लिया था। सना मरीन को पिता ने उनकी मां के हवाले कर दिया और पारिवारिक उथल-पुथल ने घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब कर दी थी। साल 2015 में सना मरीन पहली बार चुनकर संसद पहुंची और फिर फिनलैंड की परिवहन और संचार मंत्रालय की मंत्री बनी। जिसके बाद 2019 में उन्हें फिनलैंड का प्रधानमंत्री बनने का सौभाग्य मिला।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक सना मरीन ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरूआत महज 20 साल की उम्र से की थीं। उन्होंने टेंपर के सिटी काउंसिल का चुनाव लड़ा था और उन्हें पहली बार 2012 में जीत हासिल हुई। 2013 से 2017 तक वो सिटी काउंसिल की चेयरमैन रहीं और 2017 में फिर से वो इसी पद के लिए चुनी गई। पहली बार सना मरीन को 2014 में यूट्यूब से काफी लोकप्रियता हासिल हुई थी और 2015 में सना मरीन फिनलैंड की पिरकनम्मा क्षेत्र से सांसद चुनी गईं। उन्होंने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी से सांसद पद के लिए चुनाव लड़ा था और उसी पार्टी की अभी भी नेता हैं। 2019 के चुनाव में सना मरीन ने धमाकेदार जीत हासिल कर अपनी पार्टी समेत अपने विरोधियों को भी हैरान कर दिया था और 23 अगस्त 2020 को वो एडीपी की हेड चुनी गईं। सना मरीन फिनलैंड में काफी प्रसिद्ध हैं और उनकी लोकप्रियता काफी ज्यादा है।