न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत की धमक पूरी दुनिया में सुनाई पड़ रही है। मोदी सरकार के कूटनीतिक दबावों का असर है कि पाकिस्तान अब मुंबई हमले के आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तैयार हुआ है। बुधवार (11 नवंबर) को पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने पहली बार स्वीकार किया कि मुंबई में हुए 26/11 हमले में पाकिस्तानी आतंकवादियों का हाथ था।
FIA ने माना है कि ताज होटल पर हुए हमले लश्कर-ए-तैयबा के 11 आतंकवादियों ने योजनाबद्ध तरीके से किए थे। पाकिस्तान ने इन आतंकवादियों को मोस्ट वांटेड घोषित कर दिया है और इनकी नई सूची तैयार की है। साथ ही कड़ी कार्रवाई का फैसला लिया है। एफआईए के मुताबिक हमले के लिए बोट खरीदने वाले आतंकवादी मुल्तान के मोहम्मद अमजद खान के अब भी देश में होने की बात को पाकिस्तान ने स्वीकार लिया है। इसे भारत की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
नई सूची में 26/11 हमलों को लेकर जानकारी दी गई है कि नाव में 9 आतंकवादी सवार थे। इनके नाम हैं साहिवाल जिले के मोहम्मद उस्मान, लाहौर जिले के अतीक-उर-रहमान, हाफिजाबाद के रियाज अहमद, गुजरांवाला जिले के मुहम्मद मुश्ताक, डेरा गाजीपुर जिले के मुहम्मद नईम, सरगोधा जिले के अब्दुल शकूर, मुल्तान के मुहम्मद साबिर, लोधरान जिले का मोहम्मद उस्मान, रहीम यार खान जिले के शकील अहमद है। इन सभी का नाम संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध किए गए आतंकी ग्रुप में शामिल हैं जो कि लश्कर ए तैय्यबा के आतंकी हैं।
गौरतलब है कि 26 नवंबर, 2008 की रात आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल सहित 6 जगहों पर हमला कर दिया था। हमले में करीब 160 लोगों ने अपनी जान गंवाई। सबसे ज्यादा लोग छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में मारे गए। जबकि ताजमहल होटल में 31 लोगों को आतंकियों ने अपना शिकार बनाया था। लगभग 60 घंटों तक सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में करीब 160 लोगों की जानें गईं। लेकिन इस अचानक हुए हमले को भी हमारे देश के वीरों ने काबू में कर लिया।