नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार को जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में पाकिस्तान की तरफ से रखे गए झूठ के पुलिंदों पर करार जवाब देते हुए उसे आड़े हाथों लिया। इसके साथ ही, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की तरफ से कश्मीर पर दिए बयान को भारत ने वैश्विक आतंक के केन्द्र की तरफ से बोला गया बेबुनिया झूठ करार दिया।
UNHRC में विदेश सचिव (ईस्ट) विजय ठाकुर सिंह ने कहा- “एक प्रतिनिधमंडल की तरफ से मेरे देश के खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाए गए हैं। दुनिया इस बात से भलीभांति वाकिफ है कि यह बयान उस वैश्विक आतंकवाद का केन्द्र बने उस देश से आया है जो आतंकियों का पनाहगाह रहा है।” पाकिस्तान के बिना नाम लिए उन्होंने आगे कहा- “यह देश वैकल्पिक कूटनीति के तौर पर सीमापार से आतंकियों को भेजता है।” उन्होंने कहा,जम्मू कश्मीर में भारत द्वारा हाल में उठाये गये विधायी कदम देश के संविधान के कार्य ढांचे के तहत है।
उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार घाटी में सामाजिक-आर्थिक और न्याय को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, हालिया फैसलों की बदौलत विकास का सीधा फायदा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नागरिकों को मिलेगा।
श्री ठाकुर ने कहा कि इससे लैंगिंक भेदभाव खत्म होगा, जुवेनाइल के अधिकार बेहतर होंगे और शिक्षा और सूचना के अधिकार भी लागू होंगे। उन्होंने कहा कि दिक्कतों के बावजूद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जरूरी सामानों की सप्लाई जारी रखी है और प्रतिबंधों में भी धीरे-धीरे छूट दी जा रही है।
इससे पहले, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संवाददाताओं से बात करते हुए कुरैशी ने कहा कि भारत दुनिया की सामने इस बात की छवि बनाने की कोशिश कर रहा है कि जीवन यापन बिल्कुल सामान्य हो चुका है। अगर जीवन सामान्य हो चुका है तो मैं यह कहना चाहूंगा कि क्यों नहीं आप इंटरनेशनल मीडिया को जाने की इजाजत देते हैं। क्यों नहीं एनजीए, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन्स को भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर में जाने की इजाजत देते हैं ता वे वहां की हकीकत देख सके।