अटारी। सिख श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित करतारपुर गलियारे के मसौदा समझौते को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से भारत और पाकिस्तान के बीच बुधवार को तीसरे दौर की बातचीत लगभग सफल रही। अधिकारियों ने बताया कि भारत-पाकिस्तान करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के बिना वीजा, और धर्म के आधार पर बिना किसी भेदभाव के यात्रा करने पर राजी हुए। उन्होंने बताया कि भारत और पाकिस्तान इसपर सहमत हुए कि गलियारे के माध्यम से प्रतिदिन 5,000 श्रद्धालु करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का दर्शन करेंगे।
कॉरिडोर का इस्तेमाल कर हर दिन 5 हजार श्रद्धालुओं के दर्शन करने पर सहमति बन गई है
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) September 4, 2019
अधिकारी ने कहा कि करतारपुर गुरुद्वारा परिसर में भारतीय महावाणिज्यदूत या प्रोटोकॉल अधिकारियों को आने की अनुमति देने पर पाकिस्तान ने सहमति नहीं दी है। वहीं सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार करतारपुर गलियारा सालभर सप्ताह के सातों दिन खुला रहेगा। अधिकारी ने बताया कि भारत ने गुरुद्वारा करताापुर साहिब के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क वूसल करने पर पाकिस्तान से असहमति जतायी है।
पाकिस्तान शुल्क लगाने की मांग पर अड़ा रहा जिस कारण समझौते को अंतिम रुप नहीं दिया जा सका
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) September 4, 2019
अमृतसर के अटारी में हो रही संयुक्त सचिव स्तर की बैठक में शामिल होने के लिए 20 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंचा था। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता और दक्षिण एशिया एवं सार्क के महानिदेशक और मोहम्मद फैसल ने वार्ता में हिस्सा लेने के लिए भारत आने से पहले वाघा सीमा पर पत्रकारों से कहा था कि पाकिस्तान तीसरे दौर की बातचीत के परिणाम को लेकर सकारात्मक है। भारत और पाकिस्तान के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच 30 अगस्त को हुई बैठक के बाद यह बैठक हुई।