न्यूज़ डेस्क। मोदी राज में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के बाद एक और ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने 149 साल पुरानी ‘दरबार मूव’ की प्रथा को खत्म कर दिया है। साथ ही कर्मचारियों को दिए जाने वाले आवास आवंटन को भी रद्द कर दिया है। अफसरों को अगले 3 हफ्ते के अंदर आवास खाली करने का आदेश दिया गया है। इसके तहत 10 हजार कर्मचारियों को सरकार की तरफ से मिले जम्मू या कश्मीर में से किसी एक घर को खाली करना होगा। ये कर्मचारी अब एक…
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पानी में मिला Corona वायरस, ICMR-WHO ने देश भर में शुरू की सीवेज सैंपलिंग
न्यूज़ डेस्क। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने के लिए जीतोड़ कोशिशों मे लगी हुई है। इसी बीच लखनऊ से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अध्ययन में पानी में भी कोरोना वायरस पाया गया है। राजधानी में तीन जगह से लिए गए सैंपल में एक सैंपल पॉजिटिव मिला है। एसजीपीजीआई (SGPGI) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. उज्ज्वला घोषाल के मुताबिक, ”कोरोना की दूसरी लहर के बाद इंडियन…
विश्व आदिवासी दिवस सम्मान का प्रतीक
छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य प्रदेश है। यहां के घने जंगल, पहाड़, नदियों से भरे पड़े हैं। इनकी मनमोहक छटाओं ने देश और विदेशों में अपना अनुपम छाप छोड़ा है। बस्तर में चित्रकोट, तीरथगढ़, तामड़ा घूमर, जैसे अनेक जलप्रपात है। दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी मंदिर, बारसूर में गणेश मूर्ति और अनेक प्राचीन मंदिर विरासत की एक पहचान है। जंगलों में वर्षो से बसने वाले भोले-भाले आदिवासी सरल और शांतिप्रिय होते है। यहां का इतिहास, लोक कला संस्कृति, नृत्य, वाद्य, श्रृंगार, चित्रकारी और कलाकृति विश्व विख्यात है। बस्तर का क्षेत्र अनेक खनिज संपदाओं…
आदिवासी समुदाय को जल, जंगल और जमीन से जोड़ने की सार्थक पहल
रायपुर। मूलनिवासियों को हक दिलाने और उनकी समस्याओं का समाधान, भाषा, संस्कृति, इतिहास के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा 9 अगस्त 1994 को जेनेवा शहर में विश्व के मूलनिवासी प्रतिनिधियों का ’प्रथम अंतर्राष्ट्रीय मूलनिवासी दिवस’ सम्मेलन आयोजित किया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने व्यापक चर्चा के बाद 21 दिसम्बर 1994 से 20 दिसम्बर 2004 तक ’’प्रथम मूलनिवासी दशक’’ और प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को मूल निवासी दिवस (विश्व आदिवासी दिवस) मनाने का फैसला लिया और विश्व के सभी देशों को मनाने के निर्देश दिए। भारत के…
छत्तीसगढ़ के पास अपार प्राकृतिक संसाधन हैं, प्रकृति को सहेजते हुए इसका दोहन करें, तो जरूर सफलता मिलेगी : मुख्यमंत्री श्री बघेल
रायपुर। जिला दुर्ग के पाटन ब्लॉक में मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज द्वारा आयोजित डॉ. खूबचंद बघेल जयंती समारोह कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि डाॅ. खूबचंद बघेल दूरदर्शी एवं महान व्यक्ति थे, वे हमेशा संसाधनों को सहेज कर स्थायी विकास की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे। पंजाब में 5 नदियां हैं जिन्हें सहेज कर वे 3 बार फसल लेते हैं। छत्तीसगढ़ में छोटी-बड़ी 255 नदियां और 3000 नाले हैं। इसके बावजूद हम पानी का सिंचाई के रूप में केवल 30 फीसदी ही उपयोग में…