न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार, 3 अक्तूबर को दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग टनल ‘अटल सुरंग’ का उद्घाटन करेंगे। 9.02 किलोमीटर लंबी यह सुरंग मनाली को लाहौल स्पीति से जोड़ती है। इस सुरंग के कारण अब यहां हर मौसम में यातायात संभव है। इससे पहले यह घाटी भारी बर्फबारी के कारण लगभग 6 महीने तक अलग-थलग रहती थी।
यह टनल हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला में समुद्र तल से 10,000 फीट की ऊंचाई पर अति-आधुनिक निर्देशों के साथ बनाई गई है। यह टनल मनाली और लेह के बीच सड़क की दूरी 46 किलोमीटर कम करती है और दोनों स्थानों के बीच लगने वाले समय में भी लगभग 4 से 5 घंटे की बचत करती है।
प्रधानमंत्री कल हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में विश्व की सबसे लम्बी अटल सुरंग का उद्घाटन करेंगे https://t.co/519THlMZWn
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) October 2, 2020
अटल टनल का दक्षिण पोर्टल मनाली से 25 किलोमीटर दूर 3060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि इसका उत्तर पोर्टल लाहौल घाटी में तेलिंग सिस्सुगांव के पास 3071 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
यह घोड़े की नाल के आकार में 8 मीटर सड़क मार्ग के साथ सिंगल ट्यूब और डबल लेन वाली टनल है। इसकी ओवरहेड निकासी 5.525 मीटर है। यह 10.5 मीटर चौड़ी है और इसमें 3.6x 2.25 मीटर फायर प्रूफ आपातकालीन निकास टनल भी है, जिसे मुख्य टनल में ही बनाया गया है।
अटल टनल को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात घनत्व के लिए डिजाइन किया गया है। यह टनल सेमी ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम, एससीएडीए नियंत्रित अग्निशमन, रोशनी और निगरानी प्रणाली सहित अति-आधुनिक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल प्रणाली से युक्त है।
इस टनल में पर्याप्त सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके दोनों पोर्टल पर टनल प्रवेश बैरियर, आपातकालीन संचार के लिए प्रत्येक 150 मीटर दूरी पर टेलीफोन कनेक्शन, हर 60 मीटर दूरी पर फायर हाइड्रेंट तंत्र, हर 250 मीटर दूरी पर सीसीटीवी कैमरों से युक्त स्वत: किसी घटना का पता लगाने वाली प्रणाली लगी है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 03 जून, 2000 को रोहतांग दर्रे के नीचे इस टनल निर्माण का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। टनल के दक्षिण पोर्टल की पहुंच रोड़ की आधारशिला 26 मई, 2002 को रखी गई थी।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 24 दिसम्बर, 2019 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के सम्मान में रोहतांग टनल का नाम अटल टनल रखने का निर्णय लिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी मनाली में अटल टनल के दक्षिण पोर्टल के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के बाद लाहौल स्पीति के सिस्सु गांव और सोलंग घाटी में आयोजित होने वाले सार्वजनिक समारोहों में भी शामिल होंगे।