आधुनिक पद्धति को अपनाकर कृषक रोशन बना आत्मनिर्भर, ड्रिप सिस्टम से सिंचाई कर वर्षभर ले रहा अच्छी उत्पादन

आधुनिक पद्धति को अपनाकर कृषक रोशन बना आत्मनिर्भर, ड्रिप सिस्टम से सिंचाई कर वर्षभर ले रहा अच्छी उत्पादन

उत्तर बस्तर कांकेर। विकासखण्ड नरहरपुर के ग्राम साल्हेभाट के कृषक रोशन वट्टी उन्नत तकनीक से मसालों और सब्जियों का खेती कर रहा है। उन्होंने बताया कि वह दो वर्ष पूर्व सिर्फ वर्षा पर आधारित धान की फसल ही ले पाता था। किसान को अपनी खेतों में कम उत्पादन होने पर आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ता था, लेकिन अब कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उठाकर वर्तमान में कृषक धान की फसल के साथ-साथ मसालों और सब्जियों की खेती भी कर रहा है। वह अपने खेतों में ड्रिप इरीगेशन सिस्टम से सिंचाई कर रहा है।

कृषक रोशन वट्टी ने बताया कि उनके पास कृषि भूमि 4.40 हेक्टेयर है जिसमें से 2.42 हेक्टेयर भूमि में ड्रिप इरीगेशन सिस्टम लगा हुआ है। जिससे कृषक वर्षभर फसल उत्पादन करता है, जिसके फलस्वरूप परिवार के सभी सदस्यों को कृषि कार्य में रोजगार निरंतर मिल रहा है एवं परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। कृषक का कहना है कि शासन की मदद से उनके जीवन में नया सबेरा आया है। वह ‘कृषक समृद्धि योजना’ का लाभ उठाकर 2015 में सफल नलकूप खनन करवाया। सिंचाई का साधन उपलब्ध होने से कृषक के खेती की दशा और दिशा में प्रगति हुई है। किसान ने वर्ष 2017 में उद्यानिकी विभाग से ड्रिप इरीगेशन सिस्टम अपने भूमि में करवाया, जिससे कृषक वर्षभर खेती करके अपनी आमदनी में वृद्धि प्राप्त कर रहा है। कृषक रोशन वट्टी वर्तमान में सम्पूर्ण योजनाओं का लाभ उठाकर एक सफल कृषक बनने की ओर अग्रसर हो रहा है।

कृषक ने विकासखण्ड नरहरपुर में कृषि विभाग के आत्मा योजना से स्प्रेयर, धान, मक्का, अरहर, धनिया बीज एवं जैविक खाद निःशुल्क प्राप्त किया। वर्तमान में आधुनिक पद्धति को अपनाकर कृषक उन्नत कृषि कर रहा है। कृषक ने बताया कि कृषि विभाग एवं आत्मा योजनांतर्गत द्वारा संचालित प्रशिक्षण, शैक्षणिक भ्रमण और खेत पाठशाला कार्यक्रमों में भी अपना योगदान देते आ रहा है। वर्तमान में कृषक की वार्षिक आय 4.50 लाख रूपए है। कृषक ने आत्मा योजनांतर्गत जैविक धनिया की खेती कर 45 हजार रूपये का लाभ प्राप्त किया है। कृषक अपने साथ आसपास के क्षेत्र के कृषकों को भी कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उठाकर उन्नत खेती करने के लिए प्रेरित कर रहा है।

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