Iran Attack on Israel : बेरूत में 27 सितंबर को इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की मौत ने ईरान को गुस्सा दिला दिया है। हिजबुल्लाह चीफ की मौत के बाद से इजारयल और ईरान के बीच तनावपूर्ण माहौल है। इस बीच, खबर आ रही है कि ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों से हमला किया है। इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने ये पुष्टि की है कि ईरान ने उसकी तरफ 100 से ज्यादा बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल्स से हमला किया है। पूरे इजरायल में इस वक्त सायरन बज रहे हैं, और लोगों को सलाह दी गई है वह बंकर में जाएं।
ईरान ने इज़रायल की ओर 400 से अधिक मिसाइलों की बौछार कर दी, जिससे पूरे देश में सायरन बज उठे। ईरान ने इसे इस्माइल हानिया और हसन नसरल्लाह की मौत का बदला बताया है। ईरान के डॉयरेक्ट अटैक के बाद वहीं अब इस जंग में अमेरिका की भी एंट्री होती दिख रही है। अमेरिका ने इजरायल को मदद करने की पेशकश की है। अमेरिका ने पहले ही ये कह दिया था कि अगर इजरायल पर अटैक होता है तो इस जंग में इजरायल के साथ अमेरिका खड़ा है। अब अमेरिका की तरफ से बयान भी सामने आ गया है।
व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा है कि ईरान की तरफ से मिसाइलें दागने के बाद राष्ट्रपति बाइडेन ने अमेरिकी सेना को उन्हें मार गिराने का आदेश दिया है। अमेरिका ने क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़़ाई है और 13 अप्रैल को इडरायल पर हुए पिछले ईरानी हमले के दौरान भी मिसाइलों को गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इजरायल और अमेरिका के बीच के रिश्तें दुनिया में किसी से भी छिपे नहीं हैं। ज्यूश के साथ अमेरिका खड़ा है। अमेरिका इस बात की पुष्टि पहले भी कर चुका है कि अगर ईरान ने इस युद्ध में खुद को शामिल किया तो अमेरिका भी इस युद्ध में इजरायल के साथ खड़ा होगा। ऐसे में अगर दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका इजरायल के साथ खड़ा होता है तो मीडिल ईस्ट में ईरान और अन्य देशों के लिए एक बड़ा जोखिम लेने के बराबर होगा।
मिडिल-ईस्ट में उपजे संकट के बीच ईरान ने इजरायल पर ये हमले तब किए हैं, जब इजरायली सेना ने आज ही (मंगलवार को) लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन शुरू किया है और लेबनान के लगभग दो दर्जन सीमावर्ती कस्बों को खाली करने की चेतावनी दी है। इस हमले से इतर इजरायल के जाफा में भी फायरिंग की घटना हुई है। इस घटना में 3 लोगों के मारे जाने की सूचना है। इसे आतंकी हमला करार दिया गया है। तेव अवीव में भी रॉकेट दागे गए हैं। इसे हिज्बुल्लाह ने अंजाम दिया है।