नक्सल प्रभावित 11 हजार 886 पहुंचविहीन गांवों मेें सौर ऊर्जा से पहुंची बिजली

नक्सल प्रभावित 11 हजार 886 पहुंचविहीन गांवों मेें सौर ऊर्जा से पहुंची बिजली

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के दूरस्थ, पहुंचविहीन एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के ग्यारह हजार 886 घरों में बीते साल के अंतिम महीने तक बिजली नहीं पहुंची थी। क्षेत्र में निवासरत् ग्रामीण एवं आदिवासी परिवार अंधेरे में जीवन यापन करने के लिए मजबूर थे। राज्य में नई सरकार ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में संवेदनशीलता का परिचय देते हुए इन सभी परिवारों को सौर ऊर्जा से विद्युत प्रदाय हेतु क्रेडा को जिम्मेदारी सौंपीं क्रेडा ने सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों पर अमल करते हुए विगत 03 माह में ही लगभग 11886 घरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युतीकृत किया है। इनमें से अधिकांश अविद्युतीकृत घर एल.डब्ल्यू.ई. जिलों के है, जहां यह कार्य करना बहुत चुनौती भरा था। इन गांवों में परम्परागत विद्युत ग्रिड से बिजली पहुंचाना संभव ही नहीं था। क्रेडा की तत्परता और नई सरकार की पहल से इन अंधेरे घरों में रोशनी आई और गांव वालों का कहना है ’’अंजोर आया तो खुशियां आई’’।

क्रेडा को प्रदेश सरकार द्वारा वन बाधित एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निवासरत् एवं विद्युत व्यवस्था से वंचित परिवारों को सौर संयंत्र के माध्यम से बिजली प्रदान करने के निर्देश दिए एवं क्रेडा की तत्परता से महज माह जनवरी से मार्च मंे ही 11886 घरों में बिजली पहुचा दी गई। वर्तमान में केवल अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का कार्य शेष बचा है, जिसे बहुत शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे है।

लाभान्वित परिवारों को 200 वॉट क्षमता के सौर संयंत्र के साथ 05 नग उच्च क्षमता के एल.ई.डी. लाईट्स, 15 वॉट का पंखा, मोबाईल चार्जिंग, प्वाइंट तथा टी.वी. सॉकेट निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है कि घर में बिजली आने से बच्चों की पढ़ाई व दिनर्चा बहुत सुगम हो गई है। ग्रामीण अब अपना रोजगार जैसे- टोकनी, झाडू आदि बनाने का कार्य रात्रि में भी कर पा रहे हैं। पहले पंखा नही होने के कारण ग्रामीण भीषण गर्मी झेलने को मजबूर थे, अब इस परेशानी से उन्हे मुक्ति मिल गई है। रात्रि कालीन समय में भयमुक्त वातावरण, जहरीले जीव-जन्तुओं से सुरक्षा, शिक्षा में उन्नति, जीवन में सुधार के सपने को अब सौभाग्य योजना पूर्ण कर रही है।

क्रेडा द्वारा इन सभी सौर संयंत्रों की लगातार मानिटरिंग की जाती है तथा प्रत्येक क्लस्टर में अलग-अलग तकनीशियन इकाईयों द्वारा इन सभी संयंत्रों का रख-रखाव किया जाता है। क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आलोक कटियार ने बताया कि एल.डब्ल्यू.ई. जिलों के वनाच्छादित, दूरस्थ घरों में बिजली पहुंचाना एक चुनौतीभरा कार्य था। जिसे सरकार की प्राथमिकता के तहत अपेक्षित गति से पूरा किया गया।

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