दाबो एवं सिल्ली में विधिक साक्षरता शिविर

दाबो एवं सिल्ली में विधिक साक्षरता शिविर

मुंगेली। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुंगेली के सौजन्य से ग्राम दाबो एवं सिल्ली में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुनील कुमार जायसवाल एवं ग्राम विकास मंडली के अध्यक्ष श्री एसएम शमीम ने संबोधित किया। शिविर में कानूनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। वर्ष 2012 में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के लिए पाक्सो एक्ट बनाया गया था।

इस कानून के जरिये नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हेरेसमेंट, सेक्सुअल असाल्ट गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। तत्पश्चात गुड टच बेड टच को बताने का प्रयास किया गया। जब कोई व्यक्ति मुह, छाती और गुप्तांगों को छूने की कोशिश करता है तो वह बुरा स्पर्श है। जिसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एक अच्छा स्पर्श मां के गले लगाने के समान होता है। इस विषय पर अधिक जानकारी देते हुए बताया कि मां और डाक्टर के अलावा आपके गुप्तांगों को कोई नहीं छू सकता। यदि कोई अज्ञात व्यक्ति चॉकलेट दे तो उसे ना ले और अपने माता-पिता के सहमति के बगैर उसके साथ ना जायें। उसके बाद बलात्कारियों के टाइपोलाजी के बारे में बताया कि अवसरवादी बलात्कारी एक व्यक्ति जो मौका देखने पर फायदा उठाता है। ऐंगर बलात्कारी एक व्यक्ति जिसने पहले भी अपराध किया हो या जिसका अपराध का इतिहास हो। सेक्सुअल बलात्कारी एक व्यक्ति जो एग्रेनिव सेक्स के बारे में कल्पना करता हो। प्रतिशोधी बलात्कारी जिसको महिलाओं से कोई शिकायत हो। ऐसे व्यक्ति है जिन्हे बचपन में किसी महिला द्वारा सताया गया हो। बलात्कार और यौन उत्पीड़न की घटनाएं वर्षो से चली आ रही है। अब परिवर्तन यह आया है कि इन मामलों की रिपोर्टिंग बढ़ी है। इसलिए बेटी को बचाओ, बेटे को समझाओ उसके बाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाते है। लोक अदालत, परिवार परामर्श केंद्र, सीमांकन, नामांतरण, दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का मुआवजा कैसे प्राप्त करें। इसको प्राप्त करने में कितना खर्च आता है। विधिक सहायता कौन व्यक्ति प्राप्त कर सकता है, कैसे प्राप्त कर सकता है।

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