रायपुर। राज्य में विधानसभा आम निर्वाचन-2023 के लिए आदर्श आचार संहिता प्रभावी होते ही संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत सार्वजनिक और निजी संपत्तियों से वॉल राइटिंग, पोस्टर और बैनर हटाने की कार्यवाही शुरू हो गई हैं। राज्य में इन दोनों तरह की संपत्तियों से 10 अक्टूबर तक कुल एक लाख 47 हजार 447 प्रचार सामग्रियां हटाई गई हैं। सार्वजनिक संपत्तियों से संबंधित एक लाख 14 हजार 320 और निजी संपत्तियों से संबंधित 33 हजार 127 प्रकरणों पर कार्यवाही की गई है।
राज्य की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि सभी कलेक्टरों और जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कुल एक लाख 91 हजार 700 प्रकरण चिन्हांकित किए गए हैं। इनमें सार्वजनिक संपत्ति से संबंधित एक लाख 39 हजार 740 और निजी संपत्ति से संबंधित 51 हजार 960 प्रकरण शामिल हैं। सभी जिलों में जिला प्रशासन द्वारा इन्हें हटाने की कार्यवाही द्रुत गति से जारी है। अधिनियम के अंतर्गत दुर्ग जिले में सरकारी और निजी संपत्तियों से बैनर, पोस्टर, वॉल राइटिंग इत्यादि हटाने की 11 हजार 039, सुकमा में 1478, गरियाबंद में 5200, बेमेतरा में 2913, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई में 1223, बालोद में 13 हजार 578, जशपुर में 2461, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 373 और सरगुजा में 9881 कार्यवाही की गई हैं।
संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में कुल 7977, रायगढ़ में 6052, सूरजपुर में 2172, कांकेर में 2016, बिलासपुर में 4305, दंतेवाड़ा में 491, महासमुंद में 6336, जांजगीर-चांपा में 4634, बस्तर में 488, कोरबा में 9106, कोण्डागांव में 9262, कबीरधाम में 1468, बीजापुर में 642, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 1401, राजनांदगांव में 1350, बलरामपुर-रामानुजगंज में 7432, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 2384, कोरिया में 615, नारायणपुर में 634, मुंगेली में 7789, सक्ती में 5245, धमतरी में 5464 और रायपुर में 12 हजार 038 संपत्तियों से वॉल राइटिंग, पोस्टर और बैनर हटाने की कार्यवाही 10 अक्टूबर तक की गई है।