नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम राज्यों को 12 हजार करोड़ रुपये के ब्याजमुक्त कर्ज देने समेत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं को ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ करार देते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार ने अपने 20 लाख करोड़ रुपये के ‘तथाकथित आर्थिक पैकेज’ की विफलता को स्वीकार किया है। पूर्व वित्त मंत्री ने यह दावा भी किया कि सीतारमण की घोषणाएं कोई प्रोत्साहन पैकेज नहीं, बल्कि आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हुए लोगों को चौंकाने एवं तसल्ली देने की कोशिश भर है। चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तथाकथित प्रोत्साहन पैकेज के बारे में वित्त मंत्री के बयान को ध्यान से पढ़ने के बाद मुझे हिंदी की कहावत ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’याद आ गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने सोमवार को जो बड़ी घोषणाएं कीं वो कोई प्रोत्साहन पैकेज नहीं था। यह आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करके लोगों को चौंकाने और यह विश्वास दिलाने का प्रयास है कि लोगों की जरूरत और अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार कदम उठा रही है।’’
भाजपा की अनर्थनीति देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर रही है। भाजपा देश के नागरिकों के पैसे का पुनर्मूल्यांकन नहीं कर रही है; आर्थिक प्रोत्साहन की बजाय कर्ज के लिए प्रोत्साहित कर रही है। भाजपा की मोदीनॉमिक्स देश की इकॉनॉमिक्स पर भारी पड़ रही है।#ModinomicsDestroysIndia pic.twitter.com/ci7IAZrZno
— Congress (@INCIndia) October 13, 2020
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने दावा किया, ‘‘यह इस बात का ठोस कबूलनामा है कि 20 लाख करोड़ रुपये का तथाकथित आर्थिक पैकेज बहुत बड़ी विफलता था। यह विफल था क्योंकि यह धोखा था।’’ चिदंबरम के मुताबिक, सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को 10 हजार रुपये की अग्रिम राशि देने की घोषणा की है जो कोई अतिरिक्त खर्च नहीं है। इसे 10 मासिक किस्तों में वसूल लिया जाएगा। यह एक तरह की ईएमआई है। उन्होंने कहा, ‘‘ राज्यों को जिस 12 हजार करोड़ रुपये को देने की पेशकश की गई वो अनुदान नहीं, बल्कि कर्ज है। सभी बड़े राज्यों को 7500 करोड़ रुपये मिलेंगे जो मौजूदा वित्त वर्ष में उनके कुल पूंजीगत खर्च नौ लाख करोड़ रुपये की तुलना में कुछ भी नहीं है। इससे बहुत कम फर्क पड़ेगा।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एलटीसी पर कर की रियायत देने की पेशकश कर्मचारियों से उनका अपना ही पैसा कर के मामूली फायदे के लिए दो बार खर्च कराने का दयनीय प्रयास है। उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों को पैसे की जरूरत है उनको एक बार फिर से असहाय छोड़ दिया गया है। सरकार ने लोगों के खाते में पैसे भेजने से इनकार कर दिया जिसकी सिफारिश कई अर्थशास्त्रियों और कांग्रेस तथा दूसरे दलों ने की थी।’’
गौरतलब है कि वित्त मंत्री सीतारमण ने सोमवार को कहा कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये केंद्र सरकार राज्यों को 12,000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध करायेगी। कर्ज 50 साल की अवधि का होगा और यह पूंजीगत परियोजनाओं पर खर्च करने के लिये दिया जायेगा। उन्होंने इस साल केंद्रीय कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी)के एवज में नकद वाउचर देने की घोषणा की है। इन वाउचर का इस्तेमाल सिर्फ ऐसे गैर-खाद्य सामान खरीदने के लिए किया जा सकता है जिनपर माल एवं सेवा कर (GST) लगता है। वित्त मंत्री के अनुसार, सरकार ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को त्यौहारों के मौके पर 10,000 रुपये का ब्याज मुक्त अग्रिम देने का फैसला भी किया है। उपभोक्ता खर्च बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने की योजना के तहत सरकार ने यह कदम उठाया है।