आसमान में चांद-तारों के बगल में चमकेंगे विज्ञापन, रूसी स्टार्टअप बना रही ये योजना
मॉस्को। बड़ी-बड़ी मल्टी नेशनल कंपनियां टीवी, अखबार और इंटरनेट के बाद अब अपने उत्पादों के विज्ञापन के लिए नए रास्ते तलाश कर रही हैं। इस दिशा में एक रूसी स्टार्टअप ने नई योजना पेश की है। इस योजना के तहत आपको आसमान में चांद-तारों के बगल में विज्ञापन नजर आ सकते हैं।
इस रूसी स्टार्टअप का नाम स्टाररॉकेट कंपनी है। कंपनी के मुताबिक जैसे लोग आसमान में चांद को देखते हैं, उसी तरह अब विज्ञापन भी देखे जा सकेंगे। इसके लिए रॉकेट से छोटे-छोटे सैटेलाइट भेजे जाएंगे, जो धरती के ऊपर 400 किमी की ऊंचाई पर चक्कर लगाएंगे। इन सैटेलाइट को क्यूबसैट कहा जाता है और यह टिश्यूबॉक्स के आकार के होते हैं। इन विज्ञापनों को धरती पर रहने वाले करोड़ों लोग एक साथ देख सकेंगे। यह दिन में 10 या इससे अधिक बार दिखाई देगा।
स्टाररॉकेट कंपनी के सीईओ के व्लादिन सितनिकोव के मुताबिक सैटेलाइट सूरज की रोशनी से चमकेंगे, जिससे विज्ञापन के शब्द या लोगो की आकृति दिखाई देगी। उन्होंने अपनी कंपनी के इस प्रोजेक्ट को एलन मस्क और पीटर बेक की योजनाओं के समतुल्य बताया है। कंपनी अपना टेस्ट प्रोजेक्ट 2021 तक लॉन्च करेगी। इन विज्ञापनों की चमक की बात की जाए तो, यह -8 मैग्निट्यूड के होंगे। जानकारी के लिए बता दें कि पूर्णिमा का चांद -13 और सूरज -27 मैग्निट्यूड की चमक बिखेरता है।
मस्क के स्पेसएक्स प्रोजेक्ट की सफलता से उत्साहित सितनिकोव ने कहा कि उन्हें इससे काफी प्रेरणा मिली। उन्हें लगा कि कुछ भी संभव है। जनवरी 2018 में एक अन्य अमेरिकी कंपनी रॉकेट लैप ने भी डिस्को बॉल को अंतरिक्ष में लॉन्च किया था। यही वो प्रोजेक्ट था, जिसके बाद सितनिकोव ने अंतरिक्ष में बिलबोर्ड लगाने का फैसला किया। हालांकि पर्यावरण क्षेत्र से जुड़े कुछ समूह उनके इस प्रोजेक्ट का विरोध भी कर रहे हैं।
अंतरिक्ष कचरे पर साल 2000 से अध्ययन करने वाले और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन में एस्ट्रोनॉमी के प्रोफेसर पैट्रिक सीट्जर का कहना है कि अंतरिक्ष में कचरा और कबाड़ की तादाद बढ़ती जा रही है। यूएस एयरफोर्स के मुताबिक अंतरिक्ष में इस समय तकरीबन 20000 ऑब्जेक्ट्स चक्कर काट रहे हैं। इनमें से सिर्फ 10 फीसदी सक्रिय सैटेलाइट हैं, बाकी निश्क्रिय सैटेलाइट हैं, या पूराने रॉकेट या स्पेसक्राफ्ट के हिस्से हैं।