मुख्यमंत्रियों से बोले प्रधानमंत्री मोदी- अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देते हुए कोविड-19 के खिलाफ जारी रखें लड़ाई

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन बढने की संभावनाओं के बीच राज्यों ने केंद्र सरकार पर GST के बकाया और आर्थिक पैकेज का दबाव बढ़ा दिया है। PM नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों ने GST के बकाया, आर्थिक पैकेज और प्रवासी मजदूरों का मुद्दा उठाया।

प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ना चाहिए। मुख्यमंत्रियों की राय थी कि जिस तरह मामले बढ़ रहे हैं, उसको देखते हुए लॉकडाउन हटाने में बेहद सजग रुख अपनाने की जरुरत है।

नारायणसामी ने कहा कि लॉकडाउन के बीच आर्थिक गतिविधियों को इजाजत दी जानी चाहिए। क्योंकि, राज्य बेहद संकट के दौर से गुजर रहे हैं। पार्टी शासित राज्यों ने जीएसटी का बकाया और आर्थिक पैकेज फौरन जारी किया जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने राज्यों को वित्तीय पैकेज देने के संदर्भ में कुछ स्पष्ट नहीं किया। बैठक में कई CM ने मजदूरों का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट से निपटने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ की। इसके साथ उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बिहार और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों का भी उल्लेख किया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा से छात्रों की वापसी का मुद्दा उठाया और कहा के छात्रों को वापस लाने के लिए एक नीति बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब राज्यों और जिलों में आना-जाना पूरी तरह बंद है उस समय कैसे छात्रों की आवाजाही हो रही है। इस बारे में एक स्पष्ट नीति बनना चाहिए।

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प्रधानमंत्री के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नीतीश ने कहा कि राजस्थान के कोटा में कोचिंग संस्थान में बिहार के छात्र भी बड़ी संख्या में पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी ‘सेंट्रल डिजास्टर एक्ट के अनुसार अंतरराज्यीय आवागमन पर प्रतिबंध है, जब तक नियमों में संशोधन नहीं होगा तब तक किसी को भी वापस बुलाना नियम संगत नहीं है, केन्द्र सरकार इसके लिये आवश्यक दिशा निर्देश जारी करे। उन्होंने कहा कि कोटा ही नहीं देश के अन्य हिस्सों में भी बिहार के विद्यार्थी पढ़ते हैं। मेरा विनम्र निवेदन है कि जो भी लोग बाहर से भेजे जा रहे हैं उनकी पहले स्वास्थ्य जांच करवा ली जाए।

मेघालय कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए बंद को तीन मई के बाद भी राज्य में लागू रखना चाहता। राज्य के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद सोमवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देशव्यापी बंद समाप्त होने के बाद ग्रीन जोन और ऐसे जिलों में कुछ ढील दी जाएगी जो कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हैं। संगमा ने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र के मेघालय मॉडल को अन्य स्थानों पर भी लागू किया जा सकता है। सरकार जमीनी स्तर जैसे पंचायत संस्थानों तक काम कर सकती है और हमें हमें भविष्य में आने वाली किसी भी स्थिति के लिए तैयार कर सकती है।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वार्ता में कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन को धीरे-धीरे खत्म करने का पक्ष लिया। रूपाणी ने वार्ता में कहा कि अगर तीन मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाया जाता है तो दैनिक मजदूरों, छोटे एवं बड़े दुकान मालिकों और स्वरोजगार करने वाले लोगों के हितों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध जारी रहना चाहिए क्योंकि कोविड-19 के मामले अब भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, तीन मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ना चाहिए ताकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके। हालांकि उन्होंने कहा कि राज्यों को आर्थिक गतिविधियां बहाल करने की अनुमति दी जानी चाहिए, खासकर हरित क्षेत्रों में।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राज्य में आर्थिक गतिविधियों को सुरक्षित तरीके से फिर से शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। बैठक में खट्टर ने केंद्र से संयुक्त रक्षा सेवाओं, JEE और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तारीखों को लेकर अनिश्चितता को दूर करने के लिए फौरन कदम उठाने का आग्रह किया।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बैठक में कई सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय तालाबंदी को जारी रखा जाना चाहिए लेकिन महत्वपूर्ण गतिविधियों की अनुमति दी जानी चाहिए। पटनायक ने कहा कि सार्वजनिक समारोहों, धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों को पूरी तरह से रोकना चाहिए और केवल राज्यों के भीतर आर्थिक गतिविधियों के लिए छूट मिलनी चाहिए। उन्होंने केंद्र से अर्थव्यवस्था को ‘किकस्टार्ट’ करने के उपायों को शुरू करने का आग्रह किया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुझाव दिया कि मनरेगा के तहत रोजगार गारंटी 100 से बढ़ाकर 150 दिन की जानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ चर्चा में कहा कि सभी एहतियाती उपायों पर ध्यान देने के साथ व्यापारिक गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से शुरू होनी चाहिए।

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा कि धार्मिक आयोजनों पर रोक जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके राज्य में केंद्र द्वारा जारी सभी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर अटकलें थीं कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल नहीं होंगी। बैठक से पहले कहा जा रहा था कि ममता कुछ देर के लिए बैठेंगी, फिर उनकी जगह प्रमुख सचिव या कोई और अधिकारी बैठेगा, लेकिन ममता पूरी बैठक के दौरान मौजूद रहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वे इस बात से नाराज हैं कि मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में बड़े राज्यों को बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन शामिल नहीं हुए हैं। उनकी ओर से राज्य के चीफ सेक्रेटरी ने बैठक में हिस्सा लिया।

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