प्रधानमंत्री ने सबरीमला मुद्दे को लेकर एलडीएफ, यूडीएफ की निंदा की

प्रधानमंत्री ने सबरीमला मुद्दे को लेकर एलडीएफ, यूडीएफ की निंदा की

कोल्लम। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश मुद्दे को लेकर केरल की माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार और कांग्रेस की अगुआई वाले विपक्षी यूडीएफ पर मंगलवार को तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ये दोनों पार्टियां एक ही सिक्के के दो पहलू है। मोदी ने यहां भाजपा कार्यकर्ताओं की एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ महीनों से पूरा देश सबरीमला के बारे में बात कर रहा है। पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार पर तंज करते हुए मोदी ने कहा कि सबरीमला मुद्दे में इसका आचरण किसी भी पार्टी और सरकार द्वारा इतिहास में किये गये ‘‘सबसे शर्मनाक व्यवहार’’ के रूप में दर्ज किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से पूरा देश सबरीमला के बारे में बात कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि कम्युनिस्ट भारत की संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता का सम्मान नहीं करते है लेकिन किसी ने कल्पना नहीं की थी कि उनमें इतनी नफरत होगी।’’

कांग्रेस और राज्य में पार्टी के नेतृत्व वाले विपक्षी मोर्चा यूडीएफ द्वारा बार बार रूख बदलने की निंदा करते हुए उन्होंने इस मुद्दे पर उनसे अपना रूख स्पष्ट करने का आग्रह किया। मोदी ने कहा, ‘‘यूडीएफ की स्थिति ठीक नहीं है। कांग्रेस के कई रूख है। वह संसद में कुछ कहती है और पतनमथिट्टा (जहां अय्यप्पा मंदिर है) में कुछ और कहती है। वे सोमवार को कुछ कहते है तो अन्य दिन कुछ अलग कहते है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं यूडीएफ को चुनौती देता हूं, वह इस मुद्दे पर अपना रूख स्पष्ट करें। आपका दोमुंहापन उजागर हो गया है।’’ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा का रूख ‘हमेशा’ स्पष्ट रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एक तरफ केन्द्र की राजग सरकार है जो केरल के लोगों के दिन रात काम कर रही है। लेकिन मुझे इस बात की बहुत पीड़ा है कि आध्यात्मिकता और शांति का केरल, सद्भाव और खुशहाली का केरल, दो गठबंधनों एलडीएफ और यूडीएफ के भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता का शिकार हो गया है।’’

मोदी ने आरोप लगाया, ‘‘एलडीएफ और यूडीएफ एक ही सिक्के के दो पहलू है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस और वामपंथी सबरीमला मुद्दे में लैंगिक न्याय के बारे में बात कर रहे है लेकिन उनके कार्य ‘‘ठीक इसके विपरीत’’ है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि तीन तलाक का समर्थन करके ये संबंधित मोर्चे ‘‘वोट बैंक की राजनीति’’ में लिप्त है। इस बीच माकपा ने अपने ट्वीटर हैंडल पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। पार्टी ने ट्वीट किया,‘‘यह शर्मनाक है कि मोदी ने केरल के कोल्लम में एक परियोजना के उद्घाटन के दौरान सबरीमला पर उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने के लिए एलडीएफ सरकार पर हमला किया। मोदी को मनुस्मृति पढ़ने या आरएसएस की शपथ लेने की बजाय भारतीय संविधान को पढ़ना चाहिए जिसका पालन करने के लिए उन्होंने शपथ ली है।’’ कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री का भाषण सबरीमला को एक राजनीतिक मौके के रूप में इस्तेमाल किये जाने संबंधी भाजपा के फैसले को दर्शाता है।

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