आईपीएस केसी अग्रवाल को फिर मिला सेवा का मौका
रायपुर। भाजपा सरकार के कार्यकाल में जबरन रिटायर्ड किए गए आईपीएस अधिकारी केसी अग्रवाल को पुसेवा में लेने आदेश जारी कर दिया गया है। गृह विभाग के उप सचिव लीना कमलेश मंडावी के हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया है कि 5 अगस्त-2017 से केसी अग्रवाल को पुन:सेवा कार्य का जिम्मा सौंपा जाता है। 5 अगस्त 2017 भाजपा सरकार ने श्री अग्रवाल को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश जारी कर दिया था। साथ ही सीनियर आईपीएस और तत्कालीन डीआईजी टेली कम्युनिकेशन केसी. अग्रवाल के खिलाफ शिकायत की जांच के लिए केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्य सचिव विवेक ढांड की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर अगस्त 2017 में केसी अग्रवाल को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का निर्णय लिया गया था।
तब श्री अग्रवाल ने भाजपा सरकार के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) जबलपुर में मामला प्रस्तुत किया था। अधिकरण ने अग्रवाल को राहत देते हुए जबरन रिटायर देने के आदेश को फरवरी 2018 में निरस्त कर दिया था।
केंद्र सरकार ने अधिकरण के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी। केंद्र सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल बी. गोपकुमार ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के आदेश को अनुचित बताते हुए रोक लगाने की मांग की थी। मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार से अनिवार्य सेवानिवृत्त किए जाने के निर्णय का दस्तावेज 2 हफ्ते में पेश करने का निर्देश दिया था। साथ ही मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने आईपीएस के. सी. अग्रवाल को बहाल करने का आदेश भी जारी कर दिया था।