कनाडा में सुपुर्द-ए-ख़ाक हुए कादर खान, आई पहली तस्वीर सामने

कनाडा में सुपुर्द-ए-ख़ाक हुए कादर खान, आई पहली तस्वीर सामने

नई दिल्ली। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और लेखक कादर खान(Kader Khan) के निधन से पूरा बॉलीवुड सदमे में है। 31 दिसंबर को कादर खान का निधन हुआ। कनाडा में ही कादर खान को सुपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया गया जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर आई है। इस तस्वीर में कादर खान के बड़े बेटे सरफराज खान बाकि रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ नजर आ रहे हैं।

बीती रात Mississauga में कादर खान को आखिरी विदाई दी गई। सुपुर्द-ए-ख़ाक करने से पहले कादर खान की बॉडी को एक मस्ज‍िद में रखा गया था। जिसके बाद नमाज और दूसरी आखिरी रस्में निभाई गई थीं।

बता दें खान को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और डॉक्टर उन्हें नियमित वेंटीलेटर तथा बीपीएपी वेंटीलेटर पर रखे हुए थे। सुपर न्यूक्लियर पाल्सी बीमारी के कारण उन्हें चलने में भी दिक्कत आ रही थी और याददाश्त भी कमजोर हो गई थी। काबुल में जन्मे कादर खान ने 1973 में राजेश खन्ना के साथ फिल्म ‘दाग से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उसके बाद वह 300 से अधिक फिल्मों में नजर आए।’

अभिनेता बनने से पहले उन्होंने रणधीर कपूर, जया बच्चन की फिल्म ‘जवानी दीवानी के लिए संवाद लिखे थे। उन्होंने 250 से अधिक फिल्मों के लिए संवाद लिखे। पटकथा लेखक के तौर उन्होंने मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा के साथ कई फिल्मों में सहयोग दिया।’

सरफराज ने कहा, ‘भारतीय फिल्म जगत का तरीका ही यही बन गया है। यह कई कैंपों और वफादारों में बंट गया है। बाहरी होने की सोचवाले लोग मदद नहीं कर सकते।’

उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता ने हमें (अपने बेटों को) बताया था कि किसी से किसी भी चीज की उम्मीद मत करो और हम इसी विश्वास के साथ बड़े हुए कि जीवन में जिसकी जरूरत है उसके लिए काम करना चाहिए और बदले में किसी भी चीज की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।’

सरफराज ने कहा कि उन्हें इस बात का बहुत ज्यादा दुख हुआ, जब उनके अब्बा के इंतकाल के बाद भी फिल्म जगत के बहुत से लोगों ने कनाडा में उनके किसी बेटे को फोन करने तक की जहमत नहीं उठाई।

उन्होंने कहा, ‘फिल्म जगत में ऐसे बहुत से लोग हैं, जो मेरे पिता के काफी करीब थे। लेकिन एक शख्स, जिन्हें मेरे पिता बहुत पसंद करते थे, वह हैं बच्चन साहब (अमिताभ बच्चन)। मैं अपने पिता से पूछता था कि वह फिल्म जगत में सबसे ज्यादा किसे याद करते हैं तो वह सीधा जवाब देते थे बच्चन साहब। और मैं जानता हूं कि वह प्यार आपसी था।’

भावुक बेटे ने कहा, ‘मैं चाहता था कि बच्चन साहब को पता चले कि मेरे पिता उनसे अंत तक बात करने के बारे में बात किया करते थे। गोविंदा ने ऑन रिकॉर्ड कहा था कि कादर खान उनके पिता समान हैं। सरफराज ने उदासी भरी हंसी के साथ कहा, ‘कृपया गोविंदा से पूछिए कि उन्होंने कितनी बार अपने पिता समान व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में पूछा। क्या उन्होंने मेरे पिता के गुजरने के बाद एक बार भी फोन करने की जहमत उठाई?’

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