बुलंदशहर हिंसा के 1 महीने बाद मुख्य आरोपी योगेश राज गिरफ्तार

बुलंदशहर हिंसा के 1 महीने बाद मुख्य आरोपी योगेश राज गिरफ्तार

नई दिल्ली। यूपी की बुलंदशहर हिंसा (Bulandshahr violence) के मुख्य आरोपी बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज (Yogesh Raj) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में 53 आरोपी एक माह बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। बुलंदशहर हिंसा के आरोपियों की गिरफ्तारी में एसटीएफ, क्राइम ब्रांच के अलावा पुलिस की 15 टीमें बनाई गई हैं। वहीं बुलंदशहर हिंसा में बजरंग दल के सतीश समेत दो नामजदों ने बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में सरेंडर कर दिया। न्यायालय ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पुलिस को इनके सरेंडर करने की भनक तक नहीं लगी।

बताते चलें कि 3 दिसंबर को गोकशी के बाद स्याना क्षेत्र के गांव चिंगरावठी में हिंसक वारदात हुई। हिंसा में स्याना कोतवाल सुबोध कुमार और एक युवक सुमित की गोली लगने से मौत हुई थी। हिंसा के बाद स्याना कोतवाली में 27 नामजद और 60 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसमें हिंसा के दौरान गोली लगने से मारा गया युवक सुमित भी नामजद किया गया था।

इस तरह हिंसा में पुलिस को 86 आरोपियों की तलाश थी। 86 आरोपियों में से पुलिस अभी तक 26 आरोपियों को ही गिरफ्तार कर सकी है, जबकि सात ने स्वयं ही आत्मसमर्पण किया है। अभी भी 53 आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनमें शिखर अग्रवाल आदि शामिल हैं। गुरुवार को पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी योगेश राज को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी योगेश राज को हिंसा का मुख्य आरोपी बनाया है। मंगलवार रात को एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और पुलिस की टीमों योगेश राज की गिरफ्तारी के लिए जनपद सहित आसपास के जिलों में दबिशें दी थीं।

गौरतलब है कि बुधवार को हिंसा में नामजद बजरंग दल के प्रखंड अध्यक्ष सतीश कुमार पुत्र चन्द्रभान निवासी चांदपुर पूठी और विनीत कुमार पुत्र नरेन्द्र सिंह निवासी ग्राम महाव ने सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। न्यायालय से दोनों नामजद आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इनके सरेंडर करने की पुलिस को भनक तक नहीं लगी। इस प्रकार हिंसा में अभी तक कुल 32 लोग जेल जा चुके हैं। जबकि 54 आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं। इस संबंध में एसएसपी, प्रभाकर चौधरी का कहना हैकि दो नामजद आरोपी सतीश और विनीत ने न्यायालय में सरेंडर कर दिया है। न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया। जेल में विवेचक इनके बयान दर्ज करेंगे। अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम दबिश डाल रही हैं।

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